डायरेक्ट-टू-होम (DTH) सर्विस अब सस्ती हो सकती है. दरअसल टेलीकॉम अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने सरकार से डीटीएच लाइसेंस शुल्क खत्म करने की सिफारिश की है. इसका फायदा केबल टीवी देखने वाले ग्राहकों को भी मिल सकता है. चूंकि अभी डीटीएच दूसरे ओटीटी प्लेटफॉर्मों के कारण पिछड़ता जा रहा है. ऐसे में ऑपरेटरों के प्रदर्शन को लॉन्ग टर्म के लिए बेहतर बनाने के लिए लाइसेंस शुल्क को धीरे-धीरे खत्म किए जाने की बात कही गई है.
ट्राई ने सिफारिश की है कि डीटीएच लाइसेंस शुल्क वर्तमान में 8% से घटाकर एग्जेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यु (AGR) का 3% कर दिया जाए. वित्तीय वर्ष 2026-2027 से लाइसेंस शुल्क समाप्त कर देना चाहिए. इस व्यवस्था को धीरे-धीरे लागू करना चाहिए. ट्राई ने यह भी तर्क दिया है कि डीटीएच प्लेटफार्मों को दूसरे रेग्युलेटेड और अन रेग्युलेटेड वितरण प्लेटफार्मों जैसे- मल्टी-सिस्टम ऑपरेटरों (एमएसओ), हेडएंड इन द स्काई (एचआईटीएस) ऑपरेटरों, आईपीटीवी प्रोवाइडरों, डीडी फ्री डिश और ओटीटी सेवाओं के समान माना जाना चाहिए.
बता दें डीटीएच इंडस्ट्री लंबे समय से अन्य वितरण प्लेटफार्मों के बीच लाइसेंस को लेकर एक समान अवसर दिए जाने की मांग कर रही थी. अनुमान के अनुसार, वर्तमान में निजी डीटीएच ऑपरेटर लाइसेंस शुल्क के रूप में सालाना 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान करते हैं. मार्च 2023 तक, डीटीएच प्लेटफार्मों का सक्रिय ग्राहक आधार 65.25 मिलियन था. डीटीएच के सब्सक्राइबर्स की संख्या घट रही है. भारत में डीटीएच प्रसारण सेवाएं प्रदान करने के लिए लाइसेंस लेना होता है. दिशानिर्देशों के तहत डीटीएच ऑपरेटरों को एलएफ का भुगतान करना जरूरी होता है, जो कि तिमाही आधार पर सूचना एजीआर का 8% है.
Published August 22, 2023, 18:39 IST
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