आमतौर पर किफायती घरों की मांग ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन कोविड काल के बाद से लोगों में लग्जरी घरों के लिए दिलचस्पी ज्यादा बढ़ी है. यही वजह है कि पिछले पांच वर्षों में लक्जरी और प्रीमियम घरों की बिक्री में उछाल देखने को मिला है. यह 2019 की पहली तिमाही में 7 प्रतिशत से बढ़कर 2024 की पहली तिमाही में 21 प्रतिशत हो गई है. वहीं किफायती घरों की बिक्री में 20 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है. इस बात की पुष्टि एनारॉक की ओर से जारी हालिया रिपोर्ट में हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी-मार्च तिमाही (Q1) में टॉप सात शहरों में बेचे गए 1.30 लाख घरों में से लगभग 27,070 यूनिटों की बिक्री के साथ लक्जरी घरों की हिस्सेदारी 21 प्रतिशत थी. वहीं 2024 की पहली तिमाही में किफायती घरों के 26,545 यूनिट बेचे गए. इसमें 20 फीसद की गिरावट आई. एनारॉक ग्रुप के अध्यक्ष अनुज पुरी का कहना है कि लक्जरी घरों की सप्लाई ज्यादा होने और बिक्री में तेजी से लोगों का रुझान इसमें ज्यादा बढ़ा है, यही वजह है कि उन्होंने किफायती घरों से थोड़ी दूरी बना ली है. इसके अलावा लक्जरी सेगमेंट ब्रांडेड डेवलपर्स की ओर से तैयार किए जा रहे हैं. ऐसे में बेहतर स्थानों पर बड़े घरों की उपलब्धता से भी लोग इन्हें खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
1.5 करोड़ से ज्यादा कीमत वाले घरों की बिक्री बढ़ी
रिपोर्ट के मुताबिक पहली तितमाही में दिल्ली-एनसीआर में बेची गई लगभग 15,645 यूनिट में से सबसे ज्यादा बिक्री 1.5 करोड़ रुपए से अधिक कीमत वाले लक्जरी घरों की हुई. इसकी करीब 6,060 यूनिट यानी 39 प्रतिशत घर बिके. जबकि पांच साल पहले लक्जरी बिक्री हिस्सेदारी कुल बेचे गए घरों का मात्र 4 प्रतिशत (लगभग 13,740 इकाइयां) थी.
इन शहरों में हुई सबसे ज्यादा बिक्री
2024 की पहली तिमाही में बेंगलुरु, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR), चेन्नई, पुणे और हैदराबाद में मिड-रेंज और प्रीमियम सेगमेंट की बिक्री सबसे ज्यादा हुई. इसकी रेंज 40 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपए की कीमत वाली इकाइयां हैं.