ज्यादातर लोग नौकरी या कामकाज के सिलसिले में बड़े शहरों में किराये के घर में रहते हैं, लेकिन कोविड काल के बाद से रेंट पर रहना काफी महंगा हो गया है. सालाना किराये में 16 से 30 फीसद तक की बढ़ोतरी हो रही है. मैजिकब्रिक्स की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार देश के 13 प्रमुख शहरों में रहना सबसे ज्यादा महंगा है. इनमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, नवी मुंबई, पुणे और थाणे शामिल हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक किरायेदारों के लिए हालात चुनौतीपूर्ण होने वाले हैं क्योंकि किराये में लगातार इजाफा हो रहा है. ग्रेटर नोएडा में जहां सालाना किराये में 32.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं गुरुग्राम में 24.5 फीसद, बेंगलुरु में 23.7 फीसद और हैदराबाद में 22.9 प्रतिशत दाम बढ़ गए हैं. रिपोर्ट से यह भी पता चला कि अक्टूबर और दिसंबर 2023 के बीच तिमाही दर तिमाही 1.6 प्रतिशत की वृद्धि के बाद किराये में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
कितना बढ़ा किराया
13 प्रमुख शहरों में अहमदाबाद में किराया सबसे कम 8.3 प्रतिशत बढ़ा, जबकि चेन्नई में 18.9 प्रतिशत, दिल्ली में 14.2 प्रतिशत, कोलकाता में 13.3 प्रतिशत, मुंबई में 12.3 प्रतिशत, नवी मुंबई में 18.2 प्रतिशत, नोएडा में 19.3 प्रतिशत, पुणे में 14.6 प्रतिशत, और ठाणे में 17.7 प्रतिशत सालाना आधार पर वृद्धि हुई. अगर तिमाही आंकड़ों पर नजर डालें तो ठाणे को छोड़कर, सभी प्रमुख 12 शहरों में किराए में वृद्धि हुई है. ठाणे में किराए में -0.6 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि हैदराबाद में यह सबसे अधिक 6.8 प्रतिशत और चेन्नई और नवी मुंबई में तिमाही आधार पर 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई. बेंगलुरु का किराया तिमाही आधार पर 4.4 फीसदी बढ़ा.
किराये के घरों की बढ़ी मांग
प्रमुख शहरों में किराये के घरों की मांग भी बढ़ी है. 2020 से पहले भारत में आवासीय किराये की औसतन डिमांड लगभग 3 प्रतिशत थी, हालांकि 2022 के बाद से दफ्तरों के दोबारा खुलने के बाद किराये की मांग में इजाफा हुआ है. तिमाही आधार पर देश में किराये की कुल मांग 16 प्रतिशत बढ़ी है.