बीमा रेग्युलेटर IRDAI ने बीमा कंपनियों के ग्रामीण और सामाजिक दायित्वों को लेकर नए नियम जारी किए हैं. नए नियमों का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा का दायरा बढ़ाना है. नियमों के तहत जीवन और गैर जीवन बीमा कंपनियों को ग्रामीण जरूरत के मुताबिक सेवा देने के लिए ग्राम पंचायतों की पहचान करनी होगी. यानी बीमा कंपनियां कुछ ग्राम पंचायतों को चुनें और उन्हें इंश्योरेंस दें.
नए आदेश में क्या?
बीमा कंपनियों को प्रत्येक चुने हुए ग्राम पंचायत में जीवन और गैर-जीवन बीमा कवर देना होगा. इसके साथ ही कवर किए गए जीवन/व्यक्तियों/वाहनों की संख्या की पहचान करने, रिकॉर्ड करने, कॉर्डिनेट करने और सभी जानकारियों के लेनदेन के लिए जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए एक सिस्टम बनाना होगा. बीमा नियामक ने कहा कि पंचायत लेवल पर बीमा के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बीमा कंपनियों को ग्राम सरपंच और ग्राम सचिवालय के साथ कॉर्डिनेशन में काम करना होगा.
क्या है नियामक का उद्देश्य?
गौरतलब है कि केंद्र सरकार बीमा का दायरा बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. इसी क्रम में बीमा नियामक ने नया नियम जारी किया है. IRDAI का उद्देश्य ‘सभी के लिए बीमा’ का लक्ष्य पाना है. IRDAI ने इससे पहले भी अपने ड्राफ्ट में कहा था कि (ग्रामीण, सामाजिक और वाहन के तीसरे पक्ष दायित्व) विनियमन, 2024 के मुताबिक देश में बीमा क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के लिए नई रणनीति और नया तरीका अपनाया जाना चाहिए.
बीमा कंपनियों को देनी होगी ये सुविधा
सभी जीवन बीमा कंपनियों के द्वारा हर ग्राम पंचायत में कम से कम 30 फीसद लोगों को जीवन बीमा कवर देना होगा और पहले साल में कम से कम 25,000 ग्राम पंचायतों में यह लक्ष्य पूरा करना होगा. इसे अगले दो और तीन साल में करीब 40 फीसद लोगों एवं न्यूनततम 50,000 ग्राम पंचायत और 50 फीसद लोगों एवं न्यूनतम 75,000 ग्राम पंचायत तक करना होगा.
इस आदेश के तहत सामान्य बीमा के मामले में देश की सभी ग्राम पंचायतों में आग से बीमा और वाहनों का बीमा (कंप्रिहेंसिव और थर्ड पार्टी) मुहैया कराना होगा. इस क्रम में सभी साधारण बीमा कंपनियां पहले साल में हरेक ग्राम पंचायत में 30 फीसद मकानों और वाहनों को और न्यूनतम 25,000 ग्राम पंचायतों को शामिल करेंगी.