आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 अगस्त को मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के नतीजों (RBI MPC Meeting Results) की घोषणा करते हुए एक बड़ा ऐलान किया. उन्होंने बताया कि अब यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट की लिमिट बढ़ा दी गई है, इससे यूपीआई के जरिए भुगतान करने वालों को आसानी होगी. आरबीआई के नए फैसले के तहत यूपीआई से टैक्स पेमेंट की लिमिट को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक किया गया है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट लिमिट बढ़ाने से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही जो टैक्सपेयर्स ऑनलाइन भुगतान करते हैं उन्हें इससे राहत मिलेगी. आरबीआई की ओर से यूपीआई लिमिट बढ़ाए जाने का यह निर्णय पहली बार नहीं है, इससे पहले दिसंबर 2023 में, केंद्रीय बैंक ने अस्पताल और शैक्षणिक संस्थानों से संबंधित कुछ भुगतानों की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी थी.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यूपीआई से जल्दी और आसान तरीके से पेमेंट होने की वजह से यह भुगतान का सबसे पसंदीदा तरीका बन गया है. यही वजह है कि यूपीआई से होने वाले टैक्स भुगतान की सीमा भी बढ़ाई गई है. वर्तमान में यूपीआई के लिए लेन-देन की सीमा 1 लाख रुपए तक सीमित है, लेकिन कुछ श्रेणियों में इसमें छूट दी गई है.
इन कैटेगरी में बढ़ाई गई लिमिट
एनपीसीआई के अनुसार सामान्य यूपीआई लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपए प्रति लेनदेन तक है, जबकि कुछ खास कैटेगरी जैसे- कैपिटल मार्केट, कलेक्शन, बीमा और विदेशी इनवर्ड रेमिटेंस के लिए लेनदेन की सीमा 2 लाख रुपए तक है. वहीं प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) और रिटेल डायरेक्ट स्कीम के लिए यह लिमिट 5 लाख रुपए प्रति लेनदेन तक है. बता दें दिसंबर 2021 में रिटेल डायरेक्ट स्कीम और आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए यूपीआई भुगतान की लेनदेन सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया गया था.
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