भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) 2 अगस्त को 675 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. इससे पहले, इस वर्ष 19 जुलाई को फॉरेक्स रिजर्व का हाईएस्ट लेवल 670.85 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था. इसके बाद 26 जुलाई को यह 667.38 अरब डॉलर के स्तर पर था.
दास ने कहा कि जैसा कि प्रमुख संकेतकों में सुधार से पता चलता है, कुल मिलाकर देश का एक्सटर्नल सेक्टर लचीला बना हुआ है. मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद दास ने कहा कि हम अपनी बाहरी फाइनेंसिंग जरूरतों को आराम से पूरा कर सकते हैं, ऐसा भरोसा है.
दास ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) जून 2024 से घरेलू बाजार में शुद्ध खरीदार बन गए हैं. जून से 6 अगस्त की अवधि के दौरान 9.7 अरब डॉलर आया है, जबकि अप्रैल और मई में 4.2 अरब डॉलर की निकासी हुई थी.
गवर्नर ने कहा कि अप्रैल-मई 2024 में सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 20 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई. वहीं इस अवधि के दौरान शुद्ध एफडीआई प्रवाह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में दोगुना हो गया. उन्होंने कहा कि भारतीय इकाइयों द्वारा एक्सटर्नल कॉमर्शियल बॉरोइंग में कमी आई, लेकिन अप्रैल-मई में गैर-निवासियों की जमाराशि में बढ़ोतरी देखी गई.