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आवक घटने और अनुमान की तुलना में उत्पादन कमजोर रहने की वजह से चने की कीमतों में तेजी जारी है.
इसका मकसद रणनीतिक तौर पर प्याज की कमी और इसकी कीमतों में बढ़ोतरी को रोकना है.
दुनिया के सबसे बड़े सब्जी निर्यातक ने पिछले दिसंबर में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया.
कई तरह की दालों पर आयात शुल्क भी हटाया गया है, जिससे घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा मिलेगा
जानकारों का कहना है कि दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के सरकार के कई उपायों के बावजूद इनके बढ़ते दाम चिंता का कारण बने हुए हैं.
1 मई को भारत के सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक साल दर साल 10.3 फीसद कम होकर 2008 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गया.
गेहूं का भाव एमएसपी के ऊपर होने से मिलर्स और कारोबारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
सरकार निर्यात पर लगाई गई पाबंदियों को हटाने का फैसला करने से पहले खरीद धान की बुआई का आकलन कर सकती है.
पिछले साल 45 लाख टन चीनी का डायवर्जन एथेनॉल उत्पादन के लिए किया गया था.
पिछले साल ब्राजील से करीब 5 हजार टन उड़द का इंपोर्ट दर्ज किया गया था.