कारों को लेकर भारतीय ग्राहकों के शौक में तेजी से बदलाव आ रहा है. बीते दशक तक छोटी कारों पर चलने वाला भारतीय मध्यम वर्ग अब बड़ी कारों का शौकीन हो गया है. ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में बिकने वाली हर दूसरी कार एसयूवी हो गई है. देश में एसयूवी कारों का मार्केट शेयर बढ़कर 52 फीसदी हो गया है. जो कि 2015 में मात्र 14.3 प्रतिशत था. बीते 5 साल में एसयूवी की बिक्री में जोरदार उछाल आया है. जिसके चलते 2018—19 के बाद एसयूवी का मार्केट शेयर दोगुना हो चुका है.
वाहन क्षेत्र से प्राप्त रुझानों के अनुसार अब भारत में ग्राहक बड़े और फीचर्स से भरपूर कारों को ज्यादा तरजीह दे रह हैं. लेकिन इस आंकड़े का दूसरा पक्ष यह है कि देश में छोटी कारें लगातार पिछड़ रही हैं. भारतीय बाजार, जो एक समय छोटी कारों के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रिय थे. वहां बढ़ती महंगाई और कोरोना संक्रमण के बाद घटते रोजगार और आय के बीच हैचबैक और बजट सेडान कारें लगातार अपना मार्केट शेयर खोती जा रही हैं.
सितंबर के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में कुल 3,63,733 कारों की बिक्री हुई. इसमें 52 फीसदी की हिस्सेदारी एसयूवी की है. यह एक महीने में एसयूवी की बिक्री का रिकॉर्ड है. बीते साल सितंबर की बात करें तो देश के कार बाजार में एसयूवी की हिस्सेदारी 43.6 प्रतिशत थी.
एक ओर जहां एसयूवी की ओर ग्राहकों का रुझान बढ़ रहा है. वहीं छोटी कारों का बाजार घटता जा रहा है. इस साल के पहले 6 महीनों में छोटी हैचबैक कारों का मार्केट शेयर घटकर 30 फीसदी के आसपास आ गया है. जो कि इससे एक साल पहले 35 फीसदी से भी ज्यादा था.
दूसरी ओर देश का सेडान कार का बाजार भी अपनी चमक खो रहा है. कंपनियां लगातार इस सेगमेंट में नए मॉडल शामिल कर रही हैं. हुंडई ने हाल ही में नई वेरना पेश की है, वहीं फॉक्सवैगन वर्टस, स्कॉडा की स्लाविया ने देश के सेडान बाजार में कदम रखा है. लेकिन इसके बावजूद सेडान कारों का बाजार पिछले साल 10.3 फीसदी से घटकर अब 9.3 फीसदी पर आ गया है.
देश के कार बाजार में एसयूवी की बढ़ती धाक के पीछे कई कारण है. देश में कमाई करने वाले युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है. ये वर्ग बड़ी कारों को तरजीह देता है. ग्राहकों के बढ़ते रुझान के चलते कंपनियां एसूयवी पर फोकस कर रही है. यही कारण है कि वाहन कंपनियां तेजी से नए मॉडल लॉन्च कर रही हैं. वहीं अब छोटी कारों में लोगों के पास सीमित विकल्प बचे हैं. देश में एसयूवी की कीमतें 6 से 7 लाख से शुरू हो जाती हैं. जिसके कारण लोग छोटी कारों की बजाए बड़ी कारों को तरजीह दे रहे हैं. एसयूवी कारों में रोड प्रजेंस भी अच्छी रहती है.
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