देश में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का आकार लगातार बढ़ रहा है और अधिकतर वित्तीय सलाहकार निवेशकों को म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में निवेश की सलाह देते हैं. लेकिन जो लोग खुद म्यूचुअल फंड चला रहे हैं वे अपने पैसों का निवेश कहां करते हैं? Money9 ने जब यह सवाल देश की दिग्गज निवेश कंपनी आदित्य बिरला सनलाइफ एएमसी (ABSL AMC) के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ ए बालासुब्रमण्यम से पूछा तो उन्होंने बताया कि वे अपना 100 फीसद निवेश म्यूचुअल फंड में करते हैं और उस निवेश में 80 फीसद हिस्सा इक्विटी फंड्स में जाता है है. ए बालासुब्रमण्यम ने बताया कि फिक्स्ड इनकम के नाम पर उनका ईपीएफ में भी निवेश है. उन्होंने कहा कि इक्विटी फंड्स में निवेश से लॉन्ग टर्म में कंपाउंडिंग का अच्छा फायदा मिल जाता है.
1994 से म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री से जुड़े ए बालासुब्रमण्यम ने Money9 को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि देश में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का आकार तेजी से बढ़ रहा है और अभी इस इंडस्ट्री के साथ 3.5 करोड़ यूनिक इंवेस्टर जुड़े हैं और अगले 10-15 साल में यह आंकड़ा 30 करोड़ हो सकता है. उन्होंने बताया कि रेगुलेटर निवेशकों के हित में बड़े फैसले ले रहा है जिससे एएमसी और डिस्ट्रीब्यूटर को फायदा मिला है साथ लोगों को भरोसा बढ़ने से इस उद्योग का आकार 45 लाख करोड़ रुपए के पार हो गया है.
ए बालासुब्रमण्यम ने बताया कि पहले निवेशकों को म्यूचुअल फंड्स के बारे में समझाना मुश्किल था लेकिन 2008 के क्राइसिस ने निवेशकों को म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की ताकत समझाई, उस दौरान म्यूचुअल फंड्स ने निवेशकों का भरोसा जीता. उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद लॉन्च हुआ ‘म्यूचुअल फंड सही है’ कैंपेन भी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ और उस कैंपेन की वजह से निवेशकों में निवेश को लेकर जागरूकता बढ़ी.
म्यूचुअल फंड्स में निवेश रणनीति पर ए बालासुब्रमण्यम ने बताया कि निवेशकों को हमेशा फंड हाउस देखकर निवेश का फैसला करना चाहिए, उन्होंने बताया कि निवेशकों को म्यूचुअल फंड्स में लंबी अवधि का फोकस रखकर ही निवेश करना चाहिए और सिर्फ इमरजेंसी की स्थिति में ही म्यूचुअल फंड निवेश तोड़ना चाहिए.