म्यूचुअल फंड स्कीम से कब बाहर निकल जाना चाहिए?

अगर कोई फंड लगातार कमजोर प्रदर्शन करे तो इससे बाहर निकल जाना चाहिए

म्यूचुअल फंड स्कीम से कब बाहर निकल जाना चाहिए?

सरबजीत भाटिया यह देखकर हैरान हैं कि उनका म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो औसत से भी ज्यादा खराब प्रदर्शन कर रहा है. इस सिलसिले में उन्होंने अपने वित्तीय सलाहकार से संपर्क किया और उनसे इस बारे में बात की. म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में दिख रही हलचल से सरबजीत के मन में सवाल है कि क्या उन्हें कुछ योजनाओं से बाहर निकल जाना चाहिए. आमतौर पर ज्‍यादातर वित्तीय सलाहकार अपने ग्राहकों को इसमें बने रहने की सलाह देते हैं, चाहे बाजार कितना भी अस्थिर क्यों न हो. हालांकि कुछ मामलों में फंड से एग्जिट करना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह हमेशा सही नहीं होता है. ऐसे में सवाल कब हमें म्यूचुअल फंड से बाहर निकलना चाहिए, आइए जानते हैं.

अगर आप अपने वित्तीय लक्ष्य तक पहुंच गए हैं, तब भी कुछ आकस्मिक चीजों के चलते आपके पोर्टफोलियो का गणित बिगड़ सकता है, ये आपके रिटर्न को कम कर सकता है. ऐसे समय फंड की समीक्षा करने की जरूरत होती है. एक साल से ज्‍यादा समय के लिए फंड के खराब प्रदर्शन के पीछे बाजार की अस्थिरता एक वजह हो सकती है. हालांकि सटीक जानकारी के लिए इस बारे में रिसर्च करना होगा और विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहतर होगा.

फंड मैनेजरों का लगातार परिवर्तन
एक निवेशक के रूप में आपको उन फंडों से बचना चाहिए जिनमें वरिष्ठ प्रबंधक ज्‍यादा इस्‍तीफा दे रहे हों, क्योंकि ये कमजोर प्रबंधन का संकेत देते हैं. लोग अक्सर एक ऐसे निश्चित फंड में निवेश करना पसंद करते हैं, जिन्‍होंने अतीत में अच्छा प्रदर्शन किया है. वहीं अगर कोई फंड नया होता है तो वह उसके फंड मैनेजर को देखकर निवेश करते हैं. अगर इसमें कोई नामी फंड मैनेजर है, तभी पैसा लगाते हैं. यही वजह है कि निवेशकों को फंड मैनेजर बदलने से जुड़ी खबरों पर नजर रखनी चाहिए क्योंकि फंड मैनेजर में बदलाव के साथ एक नया फंड मैनेजर आता है, जिससे निवेश का तरीका भी बदल जाता है. इसका असर आपके रिटर्न पर भी पड़ सकता है.

फंड का कमजोर प्रदर्शन
अगर कोई फंड लगातार कमजोर प्रदर्शन करे तो यह भी एक संकेत होता है कि इससे बाहर निकल जाना चाहिए. फंड के प्रदर्शन की तुलना बाजार से करने के बजाय, इसकी तुलना दूसरे फंडों से करना महत्वपूर्ण है. अगर कुछ फंड अपने लक्ष्यों को पूरा नहीं कर रहे हैं, तो यह हमेशा सलाह दी जाती है कि वित्तीय योजनाकार या सलाहकार की सहायता से अपने पोर्टफोलियो को समायोजित करते समय इनसे बाहर निकल जाएं.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
प्रॉफिसिएंट इक्विटीज (Proficient equities) के संस्थापक और निदेशक मनोज डालमिया का कहना है, “बेंचमार्क इंडेक्स की तुलना में लंबे समय तक फंड का अंडरपरफॉर्म करना, एग्जिट का संकेत देता है. इसके अलावा अगर आपके फंड ने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है या इसमें 5-6% की कमी भी है तब भी इससे बाहर निकला जा सकता है क्‍योंकि इसकी भरपाई लिक्विड फंड या डेट फंड से की जा सकती है. ”

मनी9 की सलाह
– अगर आपको मामूली नुकसान हुआ तो आपको ऐसे म्यूचुअल फंड से बाहर नहीं निकलना चाहिए. म्युचुअल फंड के प्रदर्शन को केवल मुनाफे के आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए. म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय अपने वित्तीय उद्देश्यों पर विचार करें ताकि आप जान सकें कि क्या आपको अपने निवेश से बाहर निकलने की जरूरत है और यह कैसे आपके लक्ष्यों को प्रभावित करेगा. म्‍यूचुअल फंड में कैपिटल गेन टैक्स को ध्यान में रखना चाहिए. साथ ही फंड से पैसा निकालने के बाद आप इसका क्या करेंगे, इसकी भी योजना बनाएं.

Published - June 20, 2023, 07:15 IST