कई बार लोग पीपीएफ खाता खुलवा तो लेते हैं. लेकिन, किसी वजह से इसमें न्यूनतम निवेश की रकम नहीं डाल पाते हैं. उस स्थिति में खाता इनएक्टिव यानी निष्क्रिय हो जाता है. इसके कई नुकसान हैं. आइए, यहां उनके बारे में जानते हैं.
1. वैसे तो PPF अकाउंट को 15 साल का मैच्योरिटी पीरियड खत्म होने से पहले बंद नहीं कराया जा सकता लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में ऐसा हो सकता है. 2016 में PPF नियमों में हुए संशोधनों के बाद PPF अकाउंट को गंभीर बीमारी का इलाज, बच्चों की उच्च शिक्षा आदि जैसी जरूरतों पर समय से पहले बंद कराया जा सकता है. वहीं बैंकों में खुले PPF अकाउंट को 5 साल पूरे होने के बाद बंद करा सकते हैं. लेकिन अगर किसी का PPF अकाउंट इनएक्टिव है तो वह इसे मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने से पहले बंद नहीं करा सकता है.
2. पीपीएफ खाते से तीसरे वित्त वर्ष के बाद छठे वित्त वर्ष के समाप्त होने तक जमा रकम पर लोन लिया जा सकता है. रुके हुए पीपीएफ खाते में यह सुविधा नहीं मिलती है.
3. अगर खाताधारक बंद पड़े पीपीएफ खाते (PPF account) के अलावा कोई अन्य PPF खाता खुलवाना चाहता है तो नियम इसकी अनुमति नहीं देता है. किसी एक व्यक्ति के दो PPF खाते नहीं हो सकते हैं. हालांकि, निष्क्रिय हो चुके खाते में भी जमा राशि पर परिपक्वताकी अवधि पर ब्याज की राशि का भुगतान किया जाता है.
4. समय से पहले पीपीएफ खाता बंद कराने पर सबसे बड़ा नुकसान आपको मिलने वाले ब्याज पर होता है.
5. आपको मौजूदा ब्याज दर के मुकाबले 1 प्रतिशत कम ब्याज दर मिलेगी. यदि कोई व्यक्ति वर्तमान योगदान पर 8.5% का ब्याज पा रहा था, लेकिन अगर वह समय से पहले पीपीएफ खाता बंद करता है, तो उसे 7.5% तक ही ब्याज मिलेगा.
नियम के अनुसार अगर पीपीएफ खाताधारक के आवासीय पते में बदलाव होता है. खासतौर पर वह राज्य छोड़कर जा रहा हो तो अकाउंट बंद कराने की सुविधा मिलती है.
अगर खाताधारक के जीवन साथी या खाताधारक के किसी आश्रित को जानलेवा बीमारी हो जाए तब वह पूरा पैसा निकाल कर अकाउंट बंद करा सकता है.
खाताधारक को अपने या बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए पैसों की जरूरत है तब भी वह प्री-मैच्योर डिलीवरी ले सकता है.
पीपीएफ खाता (PPF account) दोबारा चालू करने के लिए आपको उस बैंक या पोस्ट ऑफिस जाना होगा, जहां पर आपने अपना पीपीएफ अकाउंट खुलवाया है. यहां आपको खाता दोबारा चालू कराने संबंधी एक फॉर्म भरना होगा. बता दें कि सिर्फ फॉर्म भरने से ही बात नहीं बनेगी बल्कि आपको जुर्माना और एरियर की राशि भी चुकानी होगी. एरियर की राशि उनवर्षों के लिए होती है, जिन वर्षों तक आपने अपनी पीपीएफ की राशि जमा नहीं करवाई है. इसके अलावा आपको पेनाल्टी का भुगतान भी करना होगा. यह पैनाल्टी 50 रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से देना होगा.
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