Bite Size Insurance: क्या आपने कभी आईआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट पर ट्रेन टिकट बुक करते वक्त या फ्लाइट टिकट की ऑनलाइन बुकिंग के वक्त इंश्योरेंस ऑप्शन पर ध्यान दिया है?
ये बाइट-साइज़ (Bite Size Insurance) या स्मॉल-टिकट इंश्योरेंस प्रोडक्ट के सबसे करीबी उदाहरण हैं.
बाइट-साइज़ या फिर स्मॉल-टिकट इंश्योरेंस एक गैर-व्यापक बीमा योजना है, जो कुछ खास जरूरतें जैसे रोग-विशिष्ट (vector-borne), यात्रा-जरूरी, घरेलू उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स (मोबाइल, घर की सुरक्षा, साइकिल चोरी) या लाइफस्टाइल (मैराथन फिटनेस) पर फोकस करती है.
हालांकि, ये बाइट-साइज़ माइक्रो इंश्योरेंस से अलग है. माइक्रो इंश्योरेंस लंबे समय से बाजार में है और कंज्यूमर मार्केट के निचले स्तर को टैप करता है.
बाजार में आमतौर पर की जा रही पॉलिसियों के मुकाबले इन इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स का मुख्य आकर्षण बहुत ही कम प्रीमियम चार्जेस और कम दस्तावेजों की जरूरत है.
एक ऐसा खरीदार जो पहली बार बीमा पॉलिसी ले रहा है, बाइट-साइज़ इंश्योरेंस उसे ज्यादा नुकसान ना होने का भरोसा दिलाता है.
आप यहां कम से कम प्रीमियम से शुरू करते हैं और धीरे-धीरे पर्याप्त कवरेज वाले स्वास्थ्य या जीवन बीमा की जरूरत को समझने लगते हैं.
कई कंपनियां जैसे टॉफी इंश्योरेंस, डिजिट इंश्योरेंस और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, डिजिटल रूप से ऑनलाइन बीमा मुहैया करवाती हैं.
इन प्रोडक्ट्स को खरीदने के लिए किसी भी तरह के मेडिकल टेस्ट या प्रपोज़ल फॉर्म्स की जरूरत नहीं होती है. तेजी से भागती हुई जिस दुनिया में हम रहते हैं, वो हमें लंबी चौड़ी कागजी कार्रवाई का समय नहीं देती है.
ऐसे में इस भागदौड़ के बीच बाइट-साइज़ इंश्योरेंस एक बून साबित होता है.
टॉफी इंश्योरेंस का टाटा-एआईजी (Tata-AIG) और चोला एमएस ( Chola MS) जैसी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के साथ गठजोड़ है.
यह साइकिल बीमा सहित कई चीजों के लिए सर्विसेज देता है, जहां ये चोरी, नुकसान और व्यक्तिगत दुर्घटना के लिए सवार और साइकिल दोनों को कवर करता है.
बजाज आलियांज और एचडीएफसी एर्गो (HDFC ERGO ) अपने स्मार्ट डिवाइस यूजर्स के लिए साइबर लायबिलिटी कवर देता हैं.
जबकि एक दूसरी कंपनी गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस (Go Digit General Insurance) प्लान के आधार पर स्क्रीन डैमेज और चोरी को कवर करने वाला मोबाइल बीमा भी देती है.
पॉलिसीधारकों को इन प्रोडक्ट्स की वजह से कोई बड़ा नुकसान नहीं उठाना पड़ता, क्योंकि वो प्रीमियम पर बिना कोई नुकसान भरे कवर को रिन्यू नहीं करने का विकल्प चुन सकते हैं.
हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसे प्रोडक्ट्स सिर्फ कुछ समय के लिए समाधान तो दे सकते हैं पर इन्हें लॉंग टर्म प्लान्स के ऑप्शन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
आपके लिए इस तरह के सैशे प्रोडक्ट्स, बीमा की दुनिया को समझने के लिए तो अच्छे हो सकते हैं पर सही टर्म इंश्योरेंस खरीदना आपकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर होना चाहिए.
बीमा आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग का एक जरूरी हिस्सा है और उसे वैसे ही माना जाना चाहिए.
आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कम प्रीमियम का मतलब कम कवरेज भी है. इसके अलावा, ये प्रोडक्ट्स ज्यादातर ग्रुप प्लेटफार्म्स पर बेचे जाते हैं, इसलिए बीमाकर्ता और मध्यस्थ के रास्ते कभी भी अलग हो सकते हैं और इस तरह के मामले आपको झंझट में डाल सकते हैं.