संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के साथ बढ़ते व्यापार तनाव के बीच चीन अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर फोकस कर रहा है. चीन व्यवसायों और परिवारों को खुद से बेहतर टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. इसके लिए सरकार ऐसे कार्यक्रमों को बढ़ावा भी दे रही है. इसे साल 2024 तक व्यापक रूप से अपनाया जाएगा. राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से घरों और व्यवसायों की पुरानी मशीनरी को अपग्रेड करने में मदद करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाने के चार महीने बाद ये निर्णय लिया गया है.
क्या है चीन की ट्रेड-इन योजना?
चीन अपनी टेक्नोलॉजी और घरेलू उपकरणों के स्टॉक को अपग्रेड करना चाहता है. चूंकि पुरानी मशीनें ज्यादा ऊर्जा का उपयोग करती हैं, साथ ही ज्यादा प्रदूषण भी फैलाती हैं. उनके इस्तेमाल को राेकना और उपभोक्ता खर्च एवं व्यावसायिक निवेश को बढ़ावा देना चीन की योजना में शामिल है. योजना के तहत पेट्रोकेमिकल्स और स्टील जैसे भारी उद्योगों से लेकर अपार्टमेंट इमारतों में नई लिफ्टों की स्थापना और उपभोक्ताओं को अपनी पुरानी वाशिंग मशीन आदि के इस्तेमाल को खत्म करके नई टेक्नोलॉजी वाली चीजें के इस्तेमाल करने को प्रोत्साहित कर रहे हैं. चीन की शीर्ष आर्थिक नियोजन एजेंसी का कहना है कि प्रमुख उद्योगों में उपकरण को अपग्रेड करने पर 2023 में 4.9 ट्रिलियन युआन का खर्च हुआ था, और लक्ष्य 2027 तक 25 प्रतिशत की वृद्धि है.
नए प्रोत्साहन योजना पर जोर
चीन की सरकार का फोकस ऑटो ट्रेड-इन्स है. वह नई ईवी या अन्य ऊर्जा-बचत वाली कारें खरीदने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी की पेशकश करेगी. टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने के लिए क्षेत्रीय सरकारों की मदद ली जाएगी. नए उपकरणों में सरकारी निवेश, बेहतर उत्पादकों के लिए कर छूट और कंपनियों को बेहतर बनाने में मदद के लिए रियायती दर पर कर्ज दिया जाएगा.
रीसाइक्लिंग नेटवर्क भी है हिस्सा
चीन की योजना के तहत कार्यक्रम में रीसाइक्लिंग नेटवर्क में निवेश शामिल है. इसके तहत 2024 में चीन में 2,000 स्टेशन और लॉजिस्टिक सिस्टम शामिल किए जाएंगे. उदाहरण के लिए ई-कॉमर्स फर्मों और उपकरण उत्पादकों को घर में मौजूद पुरानी मशीनें इकट्ठा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.