Gold Loan: महामारी ने बढ़ाई गोल्ड लोन की मांग, कंपनियों को 15% ग्रोथ की उम्मीद

Gold Loans: RBI के अनुसार, मार्च 2021 तक बैंकों ने सोने के आभूषणों पर 60,464 करोड़ रुपये के लोन दिए. मार्च 2020 में यह आंकड़ा 33,303 करोड़ रुपये था

  • Team Money9
  • Updated Date - August 25, 2021, 12:44 IST
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विशेषज्ञों का अनुमान है कि गोल्ड लोन मार्केट वित्त वर्ष 2026 तक 10 से 15 फीसदी तक की CAGR दर्ज करेगा.

विशेषज्ञों का अनुमान है कि गोल्ड लोन मार्केट वित्त वर्ष 2026 तक 10 से 15 फीसदी तक की CAGR दर्ज करेगा.

Gold Loan: महामारी के चलते गोल्ड लोन में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. अधिकतर लोग वित्तीय संकट के दौरान सोना गिरवी रखते हैं. RBI के आकड़ों के अनुसार, मार्च 2021 तक बैंकों ने सोने के आभूषणों (gold jewellery) पर 82%, यानी 60,464 करोड़ रुपये के लोन दिए हैं. मार्च 2020 में ये आंकड़ा 33,303 करोड़ रुपये था. सोने की बढ़ती कीमतों की वजह से बैंकों ने जून तिमाही में गोल्ड लोन में वृद्धि देखी है.

इसमें और तेजी लाने के लिए गोल्ड लोन (Gold Loan) पर जीरो प्रोसेसिंग फीस, सस्ते ब्याज दर जैसे कई आकर्षक ऑफर दिए जा रहे हैं. विशेषज्ञों का अनुमान है कि गोल्ड लोन (Gold Loan) मार्केट वित्त वर्ष 2026 तक 10 से 15 फीसदी तक की CAGR दर्ज करेगा.

इन बाजारों को भुनाने का मौका

मुथूट फाइनेंस के जनरल मैनेजर के आर बिजीमोन का कहना है, “दक्षिण भारत गोल्ड लोन के लिए सबसे आकर्षक बाजार है. 50 फीसदी कारोबार इसी क्षेत्र से आता है. हालांकि, उत्तर भारत इस कर्ज के लिए उभरता हुआ बाजार है. पिछले सात-आठ वर्षों में यह मार्केट कई गुना बढ़ा है. उत्तर भारत में लगभग 22 पर्सेंट कारोबार हो रहा है.”

उन्होंने कहा कि उत्तर और पूर्वी भारत लोन मार्केट के लिए अच्छे विकल्प हैं. इन बाजारों को काबिज करने के लिए कई नई योजनाएं बनाई जा रही हैं. करीब 52,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ गोल्ड लोन सेगमेंट में मुथूट मार्केट लीडर है. बैंक और NBFCs को मिलाकर देश का गोल्ड लोन मार्केट करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये है.

बिजीमोन को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021-22 में बाजार में कम से कम 15% की वृद्धि होगी. उन्होंने Money9 को बताया, ‘पहली लहर के बावजूद वित्त वर्ष 2021 में हमारे कारोबार में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इस साल भी हमें 15 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है.’

बढ़ रहा है NPA

पिछले साल महामारी के प्रकोप के बाद कई लोगों ने गोल्ड लोन लिया था. दूसरी लहर ने इसके भुगतान को कठिन बनाया है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चीफ मैनेजर जी आर जयकृष्णा का कहना है कि ऐसे में बैंकों और NBFCs का NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) बढ़ रहा है.

बिजीमोन भी मानते हैं कि NPA निश्चित रूप से बड़ी समस्या है. हालांकि, इससे विकास की गति नहीं रुकेगी. उन्होंने कहा, ‘हमने बेहद कम ब्याज दर पर कर्ज दिए थे. कोई अतिरिक्त कॉस्ट भी उसमें शामिल नहीं की गई थी. हम ग्राहकों को कई सुविधाएं देते हैं, जिसके जरिए वे समय पर कर्ज चुका पाते हैं.’

सोने की अस्थिर कीमतें

इस बीच सोने की कीमतें 4,365 रुपये प्रति ग्राम के लगभग बनी हुई हैं. यह बीती साल की कीमतों से 20 फीसदी कम है. पिछले डेढ़ साल के दौरान 10 ग्राम सोने की कीमत 42,000 रुपये से 55,000 रुपये के बीच रही है.

कीमतों में अस्थिरता का गोल्ड लोन के कारोबार पर नकारात्मक प्रभाव हो रहा है. हालांकि, बिजिमोन का कहना है, ‘यह सच है कि खुदरा सोने की कीमत स्थिर नहीं है. लेकिन हम आम तौर पर 12 महीने, 24 महीने और 36 महीने की अवधि के लिए उधार देते हैं. ऐसे में इस उतार-चढ़ाव का कम प्रभाव होगा.’

उधर, एक अधिकारी ने पहचान गुप्त रखी जाने की शर्त पर बताया, ‘सोने की इस अस्थिर कीमतों ने हमें सच में चोट पहुंचाई है. खासकर छोटे उद्योगपतियों को. SBI, मुथूट या IIFL जैसी दिग्गज कंपनियां इन नुकसान को सह सकती हैं, लेकिन छोटे खिलाड़ी नहीं.’

कीमतों की अस्थिरता के बावजूद बड़े कर्जदाताओं को अगले कुछ वर्षों में गोल्ड लोन में बड़ी वृद्धि की उम्मीद है. मुथूट 15 प्रतिशत और SBI 20 फीसदी बढ़त का अनुमान लगा रहे हैं. मुथूट फाइनेंस ने महामारी के दौर में भी बकाया दर 0.9 पर्सेंट पर कायम रखा है. NBFC अक्सर बकाया राशि चुकाने के लिए 90 दिनों का समय देती हैं. कोरोना काल में वे इस अवधि में ढील दे रही हैं.

Published - August 25, 2021, 12:44 IST