इन्वेस्टमेंट का 12-15-20 फॉर्मूला क्या है? 12-15-20 फॉर्मूला कैसे करता है काम? किस निवेश में मिलेगा तगड़ा रिटर्न? कमाई का कितना हिस्सा आपको जरूर बचाना चाहिए? जानें...
हर साल इनकम बढ़ने के साथ सिप बढ़ाने का है बेहतर विकल्प
दोनों ही योजानाओं में जोखिम न के बराबर है, इसलिए निवेश के लिहाज से बेहतर हैं
जोखिम को कम करने और बेहतर रिटर्न पाने में काम आएगी पोर्टफोलियो की रीबैलेंसिंग
निवेश के लिए दोनों ही प्रोडक्ट की अलग-अलग खूबियां हैं. दोनों का अपना रुतबा है. एक तरफ स्टॉक का भाव रोज बदलता है. इसमें कभी तेज उछाल आ जाता तो कभी नीचे लुढ़क जाता है.
SEBI ने इन सभी से गलत तरीके से कमाए गए 1 करोड़ 85 लाख रुपये को 12 फीसदी सालाना की ब्याज दर सहित लौटाने को भी कहा है.
वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ने और वर्क फ्रॉम ऑफिस शुरू होने के साथ कंपनियां ऑफिस स्पेस की तलाश में जुट गई हैं. इससे रीट्स को फायदा हो रहा है.
एडलवाइस म्यूचुअल फंड के निरंजन अवस्थी और टेक्नोफंडा के विवेक मशरानी ने बताया कि जैसे-जैसे बाजार ऊपर जाता है, इक्विटी एक्सपोजर अधिक होता है.
स्ट्रैटेजी में शेयर की कीमतों के बजाय कंपनी के कामकाज की स्थिति के आधार पर फैसले लिए जाते हैं. बिजनेस मॉडल, अर्निंग्स और मैनेजमेंट को अहम माना जाता है
ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के पंकज मठपाल से मनी 9 हेल्पलाइन के जरिए पैसिव फंड में निवेश करने वाले लोगों को बताया कि उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.