अगर आप लंबी अवधि के नजरिए से ऐसी स्कीम में निवेश की सोच रहे हैं जिसमें बेहतर रिटर्न मिले, साथ ही टैक्स की बचत हो तो आपके लिए दो बेहतर विकल्प हैं. इनमें सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और टैक्स फ्री बॉन्ड हैं. ये कम जोखिम वाला निवेश माना जाता है. पीपीएफ सरकार की ओर से समर्थित योजना है इसलिए इसे निवेश के लिए सुरक्षित माना जाता है. वहीं टैक्स फ्री बॉन्ड सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों की ओर से जारी किए जाते हैं. इनकी क्रेडिट रेटिंग बढि़या होती है, इसलिए इनमें निवेश फायदेमंद हो सकता है. दोनों ही योजनाओं के अपने-अपने फायदे हैं.
रिटायरमेंट के लिए बेहतर विकल्प अगर आप रिटायरमेंट के लिए बचत कर रहे हैं तो पीपीएफ एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. इसमें 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर आयकर विभाग की धारा80सी टैक्स में छूट का लाभ मिलता है. अच्छी बात यह है कि इसमें ब्याज भी टैक्स फ्री रहता है. जिसके चलते ये स्कीम निवेशकों को काफी आकर्षित करती है. इसमें कोई जोखिम भी नहीं है.
टैक्स के लिहाज से उम्दा अगर किसी को बड़ी धनराशि लगानी है तो टैक्स फ्री बॉन्ड एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. ‘ये सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों जैसे एनएचएआई, आईआरएफसी, एनएचबी की ओर से जारी किए जाते हैं. आमतौर पर इन्हें एएए रेटिंग दी जाती है, इसलिए इनमें क्रेडिट जोखिम न के बराबर होता है. चूंकि ये बॉन्ड एक्सचेंजों पर भी लिस्टेड होते हैं इसलिए नकदी की जरूरत पड़ने पर इन्हें आसानी से बेचा जा सकता है. हालांकि इस योजना में निवेश के समय टैक्स में छूट नहीं मिलती.
कितना है लॉक इन पीरियड? पीपीएफ में लॉक इन पीरियड 15 साल का है. ये एक लंबी अवधि का निवेश है. इसमें कर मुक्त ब्याज के साथ-साथ कर बचत का भी लाभ मिलता है. वहीं टैक्स फ्री बॉन्ड की अवधि 10, 15 या 20 साल की होती है. इसमें कर-मुक्त ब्याज का लाभ मिलता है.
कितना मिल रहा ब्याज? मौजूदा बाजार में पीपीएफ पर 7.1% की दर से वार्षिक ब्याज मिल रहा है, वहीं टैक्स फ्री बॉन्ड में 5.5 से 7.5 फीसद तक का रिटर्न मिल रहा है. इसमें ब्याज टैक्स फ्री होता है. ये दोनों जोखिम-मुक्त हैं क्योंकि ये सरकार द्वारा समर्थित हैं. टैक्स फ्री बाॅन्ड में हर साल एक स्थिर रिटर्न ब्याज के रूप में मिलता है, वहीं पीपीएफ में ब्याज कॉर्पस में ही जमा हो जाता है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।