बहुत से निवेशक बच्चों की शिक्षा, शादी, घर खरीदने या रिटारयमेंट जैसे लंबि अवधि के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड योजनाओं में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के तहत निवेश करते हैं. सुरक्षित भविष्य और लंबे समय के निवेश के लिए सिप को एक बेहतर विकल्प माना जाता है. लेकिन जब कोई निवेशक सिप चालू करता है, तब हर महीने निवेश की जाने वाली राशि, पूरी अवधि के दौरान एक जैसी बनी रहती है. अगर निवेशक किसी भी समय अपने निवेश को बढ़ाना चाहे, तब उसे या तो नई सिप लेनी पड़ेगी या एक और सिप ऐड करनी होगी. लेकिन स्टेप-अप फीचर की मदद से कोई भी निवेशक इस परेशानी से बच सकता है. स्टेप-अप फीचर से निवेशक अपनी मौजूदा म्यूचुअल फंड सिप की राशि को पहले से निर्धारित अंतराल पर बढ़ा सकते हैं.
ज्यादातर निवेशक इसमें अर्ध-वार्षिक या वार्षिक टॉप-अप का विकल्प चुनते हैं. टॉप अप की जाने वाली राशि भविष्य की आय में संभावित वृद्धि होती है. यह निवेशकों को छोटी निवेश राशि से शुरुआत करने और समय के साथ उनकी आय बढ़ने पर निवेश को धीरे-धीरे बढ़ाने में मदद करता है.
एसआईपी और स्टेप-अप सुविधा में अंतर जब कोई निवेशक एसआईपी के लिए रजिस्ट्रेशन कराता है तो निवेश राशि, आमतौर पर हर महीने या पूरी अवधि के लिए समान रहती है. अगर निवेशक किसी भी समय अपना योगदान बढ़ाना चाहता है, तो उसे एक नया एसआईपी शुरू करना पड़ता है. वहीं स्टेप-अप सुविधा का उपयोग करके कोई भी निवेशक इसे पूर्वनिर्धारित अंतराल पर एक निश्चित राशि या प्रतिशत तक बढ़ा सकता है. इस सुविधा का लाभ वे निवेशक ले सकते हैं, जिनके पास म्यूचुअल फंड योजना से जुड़ा एसआईपी है.
कैसे काम करता है स्टेप-अप एसआईपी? स्टेप-अप एसआईपी में निवेश राशि समय-समय पर बढ़ती रहती है. उदाहरण के लिए, अगर एक निवेशक प्रति माह 10,000 रुपए के एसआईपी से शुरुआत करता है और हर साल इसे 1,000 रुपए तक बढ़ाता है तो पहले साल के खत्म होने के बाद उनकी SIP बढ़कर 11,000 रुपए हो जाएगी. जबकि दूसरे साल के अंत में बढ़कर ये 12,000 रुपए प्रति माह हो जाएगी. यह सुविधा ज्यादातर फंड हाउस और थर्ड पार्टी निवेश प्लेटफॉर्म की ओर से दी जाती है. वित्तीय जानकारों के अनुसार इससे निवेशकों के वेतन बढ़ने पर हर साल एसआईपी बढ़ाने की परेशानी दूर हो जाती है. निवेशक अपने एसआईपी को पंजीकृत करते समय या बाद में जब भी वे अपने निवेश को बढ़ाना चाहें, इस सुविधा का विकल्प चुन सकते हैं.
स्टेप-अप सुविधा के फायदे और नुकसान बहुत से निवेशक अपने लॉन्ग टर्म के वित्तीय लक्ष्यों जैसे- बच्चों की पढ़ाई, शादी, प्रॉपर्टी खरीदने या रिटायरमेंट के लिए एसआईपी चलाते हैं. स्टेप-अप सुविधा के तहत मुद्रास्फीति का हिसाब रखा जाता है, इसलिए हर साल वेतन वृद्धि होने पर एक नया एसआईपी शुरू नहीं करना पड़ेगा. आप इसी में अपनी मर्जी से राशि बढ़ा सकते हैं. हालांकि भविष्य में अगर आय की तुलना में खर्च तेजी से बढ़ता है तो एसआईपी राशि बढ़ाना संभव नहीं हो सकता है. इसके अलावा परिवार के किसी सदस्य की नौकरी छूट जाने या आय में कमी होने पर भी एसआईपी नहीं बढ़ा सकते हैं.
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