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वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि 20 फीसद निर्यात शुल्क बिना किसी अंतिम तिथि के 31 मार्च के बाद भी जारी रहेगा.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी एफआरपी है.
खाद्य मंत्रालय ने चालू सीजन में अक्टूबर 2023 से जनवरी 2024 तक की चार महीने की अवधि के लिए खुले बाजार में बिक्री के लिए 98 लाख टन चीनी का आवंटन किया था.
सेब पर आयात शुल्क में 20 फीसद की वृद्धि के कारण वाशिंगटन राज्य से भारत तक सेब निर्यात बाजार में गिरावट देखने को मिली थी.
टर्की पक्षी के मांस और खाद्य अपशिष्ट से संबंधित आयात शुल्क भी 30 फीसद से घटाकर मंगलवार से पांच प्रतिशत कर दिया गया.
उत्पादन घटने और सप्लाई सीमित रहने से मार्च की शुरुआत में रमज़ान के आसपास प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है.
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि प्याज निर्यात पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया है. यह जारी है. मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव नहीं है.
संसदीय समिति ने कहा है कि बीटी कॉटन और अन्य समान गुण वाले बीज के अतिरिक्त देश को कपास के बीज/पौधों की ऐसी वैरायटी की सख्त जरूरत है.
ISMA के मुताबिक चालू शुगर सीजन में 15 फरवरी तक देशभर में चीनी का उत्पादन 223.68 लाख टन दर्ज किया गया है.
सरकार ने बांग्लादेश, श्रीलंका, मॉरीशस, बहरीन, भूटान और नेपाल समेत अन्य देशों को सीमित मात्रा में प्याज के निर्यात की अनुमति दी है.