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पिछले एक साल में चावल की खुदरा और थोक कीमतों में करीब 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
पिछले साल की समान अवधि में करीब 195 लाख टन चीनी का उत्पादन दर्ज किया गया था.
भारत तुअर दाल की अपनी घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए म्यांमार और अफ्रीका से तुअर का आयात करता रहा है.
प्रस्तावित साझेदारी में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने और गुणवत्ता में सुधार के लिए अमरेली, गुजरात में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की भी योजना है
देश में चीनी की उपलब्धता 3.73 करोड़ टन होने की संभावना है.
दालों के सबसे बड़े उत्पादक और उपभोक्ता देश भारत को मोजाम्बिक का करीब 40 फीसद तुअर का निर्यात होता है.
24 जनवरी को आयोजित साप्ताहिक नीलामी में पेश किए गए 4.5 लाख टन गेहूं में से 4.24 लाख टन (94 फीसद से ज्यादा) की बिक्री हो चुकी है.
FCI के द्वारा OMSS के तहत चावल की बिक्री को अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है.
पिछले पेराई सत्र 2022-23 के मुकाबले गन्ने के मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गयी है.
जनवरी के दौरान अबतक तुअर के भाव में 20 फीसद से ज्यादा की तेजी आ चुकी है.