सरकार ने प्याज निर्यात के ऊपर लगे प्रतिबंधों में कुछ ढील दी है. इसके तहत विदेश मंत्रालय की सिफारिश पर कुछ देशों को सरकारी स्तर पर प्याज के निर्यात की अनुमति दी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक द्विपक्षीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सीमित मात्रा में प्याज के निर्यात की अनुमति दी गई है. हालांकि प्याज के निर्यात पर लगे पूर्ण प्रतिबंध को हटाने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
सरकार ने बांग्लादेश, श्रीलंका, मॉरीशस, बहरीन, भूटान और नेपाल समेत अन्य देशों को सीमित मात्रा में प्याज के निर्यात की अनुमति दी है. हालांकि निर्यातक एजेंसी के बारे में जानकारी सामने नहीं आ पाई है. दुनिया के दूसरे सबसे बड़े प्याज निर्यातक देश भारत ने घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों और सप्लाई में कमी की आशंका की वजह से दिसंबर 2023 में मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की वजह से पड़ोसी देशों में प्याज की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया है.
बता दें कि अगस्त 2023 में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने प्याज के निर्यात को घटाने के लिए 40 फीसद निर्यात शुल्क लगा दिया था. वहीं एक्सपोर्ट टैक्स लगने से पहले प्याज का निर्यात मूल्य करीब 320 डॉलर प्रति टन यानी करीब 2,650 रुपए प्रति क्विंटल था. हालांकि 28 अक्टूबर को सरकार ने प्याज के लिए 800 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य की अधिसूचना जारी कर दी थी. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में नासिक और अहमदनगर जैसे इलाकों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की वजह से फसल को नुकसान हुआ था, जिससे नवंबर में पीक सीजन में प्याज की आवक में कमी दर्ज की गई थी. आवक घटने की वजह से कीमतों में इजाफा दर्ज किया गया और यही वजह थी कि सरकार को 8 दिसंबर से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
बता दें कि फरवरी की शुरुआत में केंद्र सरकार के अधिकारियों की एक टीम ने महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक क्षेत्रों का दौरा किया था और उम्मीद की जा रही थी कि टीम निर्यात प्रतिबंध को लेकर सरकार को कुछ सिफारिश कर सकती है. हालांकि इसी बीच कुछ बड़े निर्यातकों ने बीते रविवार को सरकार को पत्र लिखकर सुझाव दिया कि प्याज के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के बजाय सरकार को सरकारी स्तर पर निर्यात की अनुमति देनी चाहिए.