केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि सेला चावल (Parboiled) के निर्यात पर 20 फीसद शुल्क 31 मार्च 2024 के बाद भी जारी रहेगा. स्थानीय स्तर पर पर्याप्त भंडारण और घरेलू कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए पहले 25 अगस्त, 2023 से 16 अक्टूबर, 2023 तक सेला चावल पर 20 फीसद निर्यात शुल्क लगाया गया था. हालांकि बाद में इसे 31 मार्च 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया था. वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि 20 फीसद निर्यात शुल्क बिना किसी अंतिम तिथि के 31 मार्च के बाद भी जारी रहेगा. इसके अलावा पीली मटर का शुल्क-मुक्त आयात 31 मार्च के बाद भी जारी रहेगा बशर्ते कि उसका बिल 30 अप्रैल, 2024 या इससे पहले जारी किया गया हो.
चावल के निर्यात पर क्या हैं पाबंदियां?
बता दें कि सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के शिपमेंट पर 20 जुलाई 2023 से प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा सरकार ने हाल ही में बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी MEP को घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर दिया है. बता दें कि सितंबर 2022 से सरकार ने चावल के निर्यात पर पाबंदियों की शुरुआत की थी और शुरुआत टूटे हुए चावल (ब्रोकेन राइस) के निर्यात पर रोक से हुई थी.
बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी
गौरतलब है कि सऊदी अरब और इराक जैसे देशों से मांग निकलने की वजह से चालू वित्त वर्ष की शुरुआती तीन तिमाही में बासमती चावल के निर्यात में डॉलर के संदर्भ में 19 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. शुरुआती तीन तिमाही में 3.97 अरब डॉलर मूल्य के बासमती चावल का निर्यात दर्ज किया गया है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3.33 बिलियन डॉलर का बासमती चावल का निर्यात हुआ था. मात्रा के हिसाब से देखें तो अप्रैल-दिसंबर (2023-24) की अवधि के दौरान बासमती का निर्यात 11 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 3.54 मिलियन टन दर्ज किया गया था, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 3.19 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था. गैर-बासमती चावल का निर्यात 1 साल पहले के 4.66 बिलियन डॉलर के मुकाबले 28 फीसद गिरकर 3.34 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया था.
Published - February 22, 2024, 01:29 IST
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।