वाणिज्य मंत्रालय की ओर से आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में महंगाई दर में 1.26 फीसद का उछाल देखने को मिला है
फरवरी 2024 के लिए यह चार महीने के निचले स्तर पर घटकर 0.20% पर आ गई है, जो जनवरी में 0.27% थी
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से अक्टूबर तक लगातार शून्य से नीचे बनी हुई थी.
PPI पर पिछले 20 वर्षों से चर्चा हो रही है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग पीपीआई शुरू करने की रूपरेखा पर कार्यसमूह की रिपोर्ट की जांच कर रहा है और उनकी सिफारिशों का इंतजार है
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति लगातार पांचवें महीने अगस्त में भी शून्य से नीचे 0.52 फीसद रही.
कहां हुई 30 हजार करोड़ की टैक्स चोरी? क्यों लगने लगे बिजली के लंबे कट? नई e-Commerce नीति में क्या होगा खास? क्या है Monsoon का ताजा हाल? WPI आंकड़ों के भीतर क्या? क्या अब हो पाएगा Voda-Idea का Revival? UAE कैसे बना भारत का बड़ा निवेशक? क्या जल्द सस्ता नहीं होगा लोन? आज के Money Central में इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा।
फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Inflation) पर आधारित महंगाई 3.85 फीसदी रही.
Wholesale Price Inflation in September: WPI लगातार छठे महीने में दहाई अंकों में रहा. अगस्त में यह 11.39 प्रतिशत था. सितंबर 2020 में WPI 1.32 फीसदी था
वैश्विक ऊर्जा कीमतों में तेज वृद्धि और ऊंची कीमतों की संभावनाएं वैश्विक और घरेलू मुद्रास्फीति के लिए जोखिम का एक और स्रोत पैदा कर सकती हैं.