वाणिज्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार को फरवरी महीने के लिए थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. रिटेल महंगाई के बाद अब थोक महंगाई दर में भी गिरावट दर्ज की गई है. फरवरी 2024 के लिए यह चार महीने के निचले स्तर पर घटकर 0.20% पर आ गई है, जो जनवरी में 0.27% थी. यह आरबीआई ने फरवरी में थोक महंगाई दर 0.25% रहने का अनुमान लगाया था.
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई की वार्षिक दर फरवरी, 2024 के लिए 0.20 प्रतिशत (अस्थायी) रही. मंत्रालय के अनुसार फरवरी 2024 में महंगाई दर में गिरावट मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, क्रूड पेट्रोलियम और नेचुरल गैस, बिजली, मशीनरी और उपकरण और मोटर वाहनों आदि की कीमतों में वृद्धि के चलते आई. थोक महंगाई के अलावा 12 मार्च 2024 को जारी रिटेल महंगाई दर में भी गिरावट देखने को मिली. फरवरी 2024 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) 5.09 फीसदी रही, जो जनवरी में 5.1 फीसदी थी. रिटेल महंगाई और थोक महंगाई दर में आई गिरावट से आम जनता को महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है.
खाने-पीने की चीजों पर कितना रहा महंगाई का असर?
आंकड़ों के अनुसार फरवरी में खाद्य महंगाई दर जनवरी के 6.85 प्रतिशत से मामूली बढ़कर 6.95 प्रतिशत हो गई. वहीं सब्जियों की महंगाई दर जनवरी के 19.71 से बढ़कर फरवरी में 19.78 फीसदी रही. दालों की बात करें तो इसकी थोक महंगाई दर फरवरी में 18.48 फीसदी रही, जो जनवरी में 16.06 फीसदी थी. इससे पहले जारी हुए रिटेल महंगाई दर के आंकड़ों पर गौर करें तो खाने-पीने की चीजों के दाम ऊंचे रहने के कारण फरवरी में खुदरा महंगाई दर 5 फीसदी के ऊपर रही, हालांकि यह जनवरी के मुकाबले थोड़ी कम थी.
आरबीआई का ये था अनुमान
आरबीआई ने फरवरी में आयोजित मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि पर चिंता जताई थी. हाल की मंदी के बीच कच्चे तेल की लागत के बारे में अनिश्चितता और घरेलू विकास की गति के कारण मांग पर दबाव बनने की संभावनाओं के बावजूद केंद्रीय बैंक ने 2024 के लिए महंगाई का पूर्वानुमान 5.4 प्रतिशत लगाया था.