थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर लगातार पांचवें महीने नकारात्मक रही. अगस्त में थोक महंगाई दर (-) 0.52 फीसदी दर्ज की गई. लेकिन इस दौरान खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमत में तेजी देखी गई. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दर इस साल अप्रैल से लगातार नकारात्मक बनी हुई है. जुलाई में थोक मुद्रास्फीति (-) 1.36 फीसदी थी. पिछले साल अगस्त में थोक मुद्रास्फीति दर 12.48 फीसदी थी.
अगस्त में खाद्य महंगाई दर दोहरे अंकों 10.60 फीसदी पर बनी रही, हालांकि जुलाई के 14.25 फीसदी के मुकाबले यह कम है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि सालाना आधार पर मिनरल्स ऑयल, बेसिक मेटल्स, केमिकल्स और केमिकल प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल और फूड प्रोडक्ट्स की कीमतों में आई गिरावट की वजह से अगस्त, 2023 में थोक मुद्रास्फीति नकारात्मक रही.
ईंधन और पावर क्षेत्र की मुद्रास्फीति अगस्त में (-)6.03 फीसदी रही, जो इससे पहले जुलाई में (-)12.79 फीसदी थी. मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की महंगाई दर अगस्त में (-)2.37 फीसदी दर्ज की गई, जुलाई में यह (-)2.51 फीसदी थी. केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने लगातार तीसरी बार प्रमुख ब्याज दर को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा था. इसके साथ ही आरबीआई ने संकेत दिया था कि अगर खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ने से महंगाई बढ़ती है तो वह मौद्रिक नीति को और कठोर बना सकता है.
केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीति तय करने के लिए खुदरा या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर को केंद्र में रखता है. अगस्त में खुदरा महंगाई दर मामूली घटकर 6.83 फीसदी रही है, जो इससे पहले जुलाई में 7.44 फीसदी थी. हालांकि अगस्त की खुदरा महंगाई दर अभी भी आरबीआई के सहनीय स्तर 4 से 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है.