यूलिप में आप मैच्योरिटी अवधि के पहले भी आंशिक रूप से पैसा निकाल सकते हैं. यानि इमरजेंसी में यदि आपको पैसे की जरूरत है तो लोन लेने से बचा सकता है.
एनपीएस में आंशिक निकासी के लिए आपको कुछ विशिष्ट शर्तों को पूरा करना होता है. आप 60 वर्ष की आयु से पहले अधिकतम 20% राशि निकाल सकते हैं.
बच्चों के लिए बचतः जल्दी निवेश शुरू करने से आप अपने बच्चे की पढ़ाई-लिखाई और दूसरे खर्चों के लिए फंड इकट्ठा कर सकते हैं.
ULIPs में निवेश करने से आपको इनकम टैक्स एक्ट के तहत सेक्शन 80सी, सेक्शन 80सीसीसी और सेक्शन 10(10डी) के तहत टैक्स में छूट मिलती है.
ULIP बिल्कुल भी खराब निवेश उत्पाद नहीं हैं अगर आप उसे अच्छी तरह से समझ लेते हैं और उनके नुकसान को अपने पक्ष में बदलने में सफल हो जाते हैं.
ULIP Charges: यूनिट-लिंक्ड इन्वेस्टमेंट प्लान से कई तरह के चार्ज जुड़े हैं. इन्हें लॉक-इन पीरियड के जरिए समान रूप से डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है
जीवन बीमा खरीदने से पहले जान ले उसके कितने प्रकार होते हैं और किसे कहते हैं प्रीमियम, डेथ बेनिफिट, सरेंडर वैल्यू, फ्री-लुक पीरियड, मैच्योरिटी एज.
Insurance Policy Surrender: यदि वित्तीय जरूरतों के लिए पॉलिसी सरेंडर कर रहे है तो पार्शियल विड्रोल और ऋण जैसे दूसरे विकल्प का उपयोग करना चाहिए.
Loan On Policy: एंडोवमेंट पॉलिसी में लोन मिल जाता है. जबकि यूनिट लिंक्ड बीमा योजना में नकदी की जरूरत होने पर आंशिक निकासी की अनुमति होती है.
ULIP के कई फायदे होने की वजह से ये निवेशकों का फेवरिट है और सबसे बड़ा फायदा है टैक्स का. नए नियम के बारे में नहीं जानते हैं तो चुकाना पड़ेगा टैक्स