यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) लाइफ इंश्योरेंस का एक प्रकार होता है. इसमें लाइफ कवर के साथ-साथ बचत भी प्राप्त होती है. यह लंबी अवधि की निवेश योजना है. यूलिप में आप मैच्योरिटी अवधि के पहले भी आंशिक रूप से पैसा निकाल सकते हैं. यानि इमरजेंसी में यदि आपको पैसे की जरूरत है तो लोन लेने से बचा सकता है. यूलिप में आप जो प्रीमियम देते हैं, उसे दो भागों में बांटा जाता है. एक हिस्सा आपको लाइफ कवर प्रदान करता है, वहीं दूसरे हिस्से का उपयोग शेयर खरीदने के लिए किया जाता है. इसे यूनिट के रूप में बताया जाता है. जरूरत पड़ने पर इसी यूनिट की राशि के बराबर आप भुगतान हासिल कर सकते हैं.
लॉक-इन अवधि
यूलिप में पांच साल का लॉक-इन पीरियड होता है. इसके पहले आप पैसा नहीं निकाल नहीं सकते. यहां तक कि आप इस अवधि के पूरा हुए बगैर इस प्लान को बंद भी नहीं कर सकते. लॉक-इन अवधि के बाद पैसा निकालने के लिए कुछ शुल्क देना पड़ता है.
पांच साल बाद आंशिक निकासी
याद रखें कि लॉक-इन अवधि पूरी होने के बाद आप आंशिक निकासी कर सकते हैं, किंतु पूरा पैसा नहीं निकाल सकते. यदि आप ऐसा करना चाहते हैं तो आपको पॉलिसी बंद करनी पड़ेगी. यदि नाबालिग के लिए यूलिप खरीदा है तो उसके बालिग होने के बाद ही पैसा निकाला जा सकता है.
निकासी सीमा
अलग-अलग कंपनी और अलग-अलग पॉलिसी के हिसाब से निकासी न्यूनतम और अधिकतम सीमा निश्चित होती है. मोटे तौर पर, कुल फंड वैल्यू का 20 फीसदी राशि आंशिक रूप से निकाला जा सकता है.
लाइफ कवर पर प्रभाव
आंशिक निकासी के साथ ही यूलिप में लाइफ कवर कम हो जाता है. हालांकि, यदि पॉलिसीधारक के कोई अनहोनी होती है और उसने इसके दो साल पहले निकासी की है तो बीमित राशि पर कोई असर नहीं पड़ता. कोई भी फैसला लेने से पहले पॉलिसी के दस्तावेजों को जरूर पड़ लेना चाहिए.