आंकड़े बताते हैं कि वित्तवर्ष 2020-21 में जीडीपी के अनुपात में नकदी का चलन अपने उच्चतम स्तर 14.5 फीसदी पर पहुंच गया है.
मैन्युफैक्चरिंग, सर्विजेज, GST, कार्ड पेमेंट, CVs, ज्वैलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और रिटेल उत्पादों की बिक्री से अर्थतंत्र में तेज सुधार होने की उम्मीद है.
Petrol Price: नोमुरा का दावा है कि वित्त वर्ष 22 के बचे हुए हिस्से में 45 हजार करोड़ की राजस्व हानि होगी.
Tax Collection: SBI के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति ने कहा केंद्र का राजकोषीय घाटा, जिसमें अप्रैल-अगस्त की अवधि के दौरान कमी देखी गई है.
Agriculture Contribution to Indian Economy: एग्रीकल्चर GDP का केवल लगभग 18-20% का गठन कर सकता है. फिर भी यह कुल आबादी के 40% से अधिक को रोजगार देता है
मार्च 2020 से ब्रेंट क्रूड में 430 प्रतिशत के उछाल के बाद उम्मीद है कि 2023 तक तेल सस्ता हो सकता है.
IMF ने मंगलवार को जारी ताजा अनुमानों में कहा है कि 2021 में भारत की इकनॉमी 9.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है.
RBI ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में GDP ग्रोथ के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है. RBI ने GDP ग्रोथ का अनुमान 9.5% पर बरकार रखा है.
विश्लेषक कर संग्रह में भी भारी रिकवरी की संभावना जता रहे हैं, जो सरकार को अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने में मदद करेगा.
UTI AMC के फंड मैनेजर और हेड-रिसर्च सचिन त्रिवेदी ने कहा कि इन्वेस्टर को लंबी अवधि के लिए एसेट एलोकेशन करना चाहिए और रोजाना ट्रेडिंग से बचना चाहिए.