रिपोर्ट में कहा गया कि बिजली की खपत, रेल भाड़ा, हाईवे टोल कलेक्शन, ई-वे बिल्स, डिजिटल ट्रांजेक्शंस और भारी मात्रा में जीएसटी संग्रह अर्थव्यवस्था में तेज गति की रिकवरी के संकेत देता है. PC: Flickr
भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी की उज्जवल संभावनाएं दिखाई दे रही हैं. जुलाई और अगस्त महीने के लिए मैक्रोइकोनॉमिक संकेतकों के निष्कर्ष इस पर मुहर लगाते हैं. वित्त मंत्रालय ने अगस्त 2021 की मासिक आर्थिक रिपोर्ट में यह बात कही है. मंत्रालय ने इस रिपोर्ट में कहा कि अधिक घातक कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बावजूद अर्थव्यवस्था में वी शेप्ड रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं.
Ministry of Finance releases Monthly Economic Report for August 2021.#MER
इस रिपोर्ट में कहा गया कि बिजली की खपत, रेल भाड़ा, हाईवे टोल कलेक्शन, ई-वे बिल्स, डिजिटल ट्रांजेक्शंस और भारी मात्रा में जीएसटी संग्रह अर्थव्यवस्था में तेज गति की रिकवरी के संकेत देता है. इस मासिक आर्थिक रिपोर्ट के प्रमुख हाईलाइट्स में बताया गया कि खरीफ की बुआई संतोषजनक रही है.
मंत्रालय ने रिपोर्ट में बताया कि पीएमआई (PMI) 18 महीने के उच्च स्तर 56.7 पर पहुंची है, जो अच्छी रिकवरी के संकेत देता है. साथ ही घरेलू इक्विटी बाजारों का रिकॉर्ड उच्च स्तर पर ट्रेड करना भारत के फंडामेंटल्स में बाजार का आत्मविश्वास दर्शाता है. सप्लाई चेन दुरुस्त हुई है और सीपीआई इंफ्लेशन अगस्त में तीन महीने के निचले स्तर पर है.
रिपोर्ट में कहा गया कि अगस्त में औसत दैनिक टीकाकरण 56.6 लाख डोज का रहा है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण का विस्तार हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया कि औद्योगों में ऑल राउंड रिकवरी की प्रबल संभावनाएं हैं. जुलाई में 8-कोर इंडेक्स कोविड से पहले जुलाई 2019 के स्तर से 1.1 फीसदी अधिक रही है.
विश्लेषक कर संग्रह में भी भारी रिकवरी की संभावना जता रहे हैं, जो सरकार को अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने में मदद करेगा. वित्त मंत्रालय ने अगस्त 2021 की मासिक रिपोर्ट में कहा कि आगे आने वाली तीन तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में तेज गति से रिकवरी होगी.