क्या होते हैं Debt Funds? कैसे करते हैं काम ? क्या रिस्क फ्री इंवेस्टमेंट है Debt Funds? क्या है Debt Fund में एंट्री का सही टाइम?
डेट फंड्स के छोटे निवेशकों को वित्तीय संकट में भारी नुकसान से बचाने के लिए बाजार नियामक SEBI ने बनाया है स्विंग प्राइसिंग का नया नियम.
क्रेडिट रिस्क असेसमेंट पर आधारित डेट इंडेक्स फंड की काफी मांग थी लेकिन अब बाजार में हर घंटे हो रही बड़ी तेजी और मंदी से इसमें काफी परिवर्तन हो गया है.
बॉन्ड की कीमतें और ब्याज दरें एक दूसरे के विपरीत होती हैं. इसलिए, जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो बॉन्ड की कीमतें गिरती हैं.
डेट म्यूचुअल फंड केटेगरी में सिर्फ क्रेडिट रिस्क फंड ने पिछले एक साल में दो अंको में रिटर्न दिया हैं, इसलिए निवेशकों में इसके प्रति आकर्षण बढ सकता हैं
एसेट एलोकेशन रणनीति के कई लाभ हैं. इसके लिए कई काम्प्लेक्स मॉडल और एसेट वर्गों की अच्छी समझ की ज़रूरत है.
Maturity Fund: ब्याज दर में अनिश्चितता के कारण निश्चित आय वाले इन्वेस्टर्स के लिए फायदेमंद हो सकता है टारगेट मैच्योरिटी फंड.
सर्वे में सामने आया है कि 40.2 फीसदी भारतीय युवा अब महामारी के दौर से पहले की तुलना में ज्यादा निवेश कर रहे हैं.
निश्चित आय वाले उत्पादों की तुलना में डेट फंड में उच्च प्रभावी रिटर्न उत्पन्न करने की क्षमता होती है.
मनी 9 हेल्पलाइन ने म्यूचुअल फंड्स से जुड़े ऐसे मिथकों को खत्म करने और तथ्यों को समझाने में मदद करने के लिए मनी मंत्र के विरल भट्ट से बातचीत की.