Groww के सर्वे में शामिल हुए 20 हजार लोगों में से 79.30 फीसदी युवाओं ने माना कि उनकी निवेश (investment) की यात्रा की शुरुआत एक साल पहले यानि कोरोना के दौर में ही शुरू हुई है. सर्वे में शामिल युवाओं की उम्र 18 साल से 30 साल के बीच है. डेटा के मुताबिक 18.3 फीसदी युवाओं ने अपने जीवन में निवेश (investment) करने की शुरुआत 3 साल पहले ही की है. जबकि सर्वे में शामिल 2.4 फीसदी युवा ही ऐसे हैं, जिन्होंने 3 साल से पहले से ही निवेश कर रहे थे.
इस सर्वे में सामने आया है कि 40.2 फीसदी भारतीय युवा महामारी के दौर से पहले की तुलना में और ज्यादा निवेश करने के इच्छुक हैं. सर्वे के मुताबिक 26.6% युवाओं ने माना कि महामारी का उनके निवेश (investment) के निर्णयों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
Groww’s के सर्वे में ये भी सामने आया कि 25.8 फीसदी युवा ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने अपनी कमाई में आई गिरावट के बाद, निवेश भी कम कर दिया है. बल्कि अन्य युवाओं ने महामारी को देखते हुए बढ़ते खतरे के कारण निवेश (investment) में कमी लाए हैं. यह सर्वेक्षण इस बात की गहरी समझ के लिए किया गया था कि युवा भारतीय मिलेनियल्स और उनके द्वारा किया गया निवेश किस दिशा की ओर हुआ?
सर्वे में सामने आई बातों के आधार पर Groww के सीओओ और को-फाउंडर हर्ष जैन ने कहा कि हम निवेश की तरफ भारतीय युवाओं पॉजिटिव झुकाव के गवाह बन रहे हैं. आज का युवा अपनी वित्ती समझ को लेकर ज्यादा सजग है. साथ ही अपने परिवार में पुरानी पीढ़ी की तुलना में निवेश से जुड़े ज्यादा बेहतर फैसले लेने में सक्षम है. Groww के सर्वे से समझ आया कि युवा कैसे निवेश कर रहा है और उसकी निवेश की यात्रा कैसी है. सबसे बड़ी बात जो इस सर्वे में निकलकर आई कि आज का युवा कमाई यानि पैसा कमाने को लेकर ज्यादा फोक्स्ड है.
सर्वे से साफ होता है कि आज के युवा में सीखने और समझने को लेकर काफी भूख है. वे उपलब्ध निवेश विकल्पों को लेकर बहुत शिक्षित हैं, जो उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने की अपनी यात्रा में सही निर्णय लेने में मदद करेंगे.”
Groww’s के सर्वे में सामने आया कि 30.6 फीसदी युवा अपने निवेश के फैसले दोस्त और सहकर्मियों की सलाह के आधार पर लेते हैं. जबकि 27.4 फीसदी ने माना कि वो खबरों, 23.4 फीसदी ने माना सोशल मीडिया के प्रभाव में अपने निवेश के फैसले लेते हैं. इनमें सबसे कम हिस्सेदारी 13.9 फीसदी परिवार और 4.6 फीसदी इनवेस्टमेंट एजेंट या एडवाइजर्स की है.
सर्वे में शामिल युवाओं में से 59.8 फीसदी ने माना उनके निवेश का मकसद पैसा कमाना और भविष्य के साथ साथ रिटायरमेंट को सुखद बनाना उनकी प्रमुख प्राथमिकता है. जबकि 9.5 फीसदी युवाओं ने माना कि उनके निवेश के पीछे का मकसद बेहतर हायर एजुकेशन हासिल करना है जबकि 30.7 फीसदी ने कहा कि अपनी लाइफस्टाइल में शामिल जरूरतों को पूरा करना, घूमना और दूसरे लक्ष्य हासिल करना उनके निवेश का मकसद है.
Groww के सर्वे के मुताबिक 52.9 फीसदी युवाओं ने माना कि अपनी वित्तीय सुरक्षा के साथ-साथ अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वो निवेश करते हैं, जबकि 37.3% ने कहा कि इससे मिलने वाली वित्तीय स्वतंत्रता उन्हें ये तय करने की ताकत देती है कि वे अपना जीवन कैसे जीना चाहते हैं. जबकि 10 फीसदी ने कहा कि ज्यादा पैसा जोड़कर वो जल्द रिटायरमेंट चाहते हैं ताकि उन्हें फाइनेशियल आजादी मिल सके.
सर्वे में ये भी सामने आया कि वित्तीय ज्ञान की कमी कम निवेश का मुख्य कारण है. साथ ही कम रिस्क लेने की भूख के चलते भी लोग ज्यादा निवेश करने के फैसले पर खुद को रोक लेते हैं. लेकिन अच्छी बात ये है कि आज का युवा निवेश की बारीकियों को समझने और भविष्य में निवेश के माध्यम से अच्छी तरह से विचार करने के लिए तैयार हैं.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।