AAA रेटिंग वाले पीएसयू बॉन्ड (PSU bonds)और स्टेट बॉन्ड के अपने पोर्टफोलियो के कारण डेब्ट इंडेक्स फंड निवेशकों के लिए लोकप्रिय होते जा रहे हैं. जिन्हें बाजार में स्टेट डेवलपमेंट लोन (state development loans-SDL) के रूप में जाना जाता है. कुछ साल पहले क्रेडिट रिस्क असेसमेंट पर आधारित डेट इंडेक्स फंड की काफी मांग थी और इसमें जीतने का फॉर्मूला यह था कि जितना बड़ा जोखिम उतना बड़ा मुनाफा. लेकिन अब बाजार में हर घंटे हो रही बड़ी तेजी मंदी से इसमें काफी परिवर्तन हो गया है.
डेब्ट इंडेक्स फंड निश्चित आय देने वाले फंड्स है, इनमें जोखिम काफी कम होता है इसलिए निवेशक इसमें निवेश करना ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं. एडलवाइस म्यूचुअल फंड के हेड-प्रोडक्ट्स निरंजन अवस्थी ने कहा, ‘पैसिव इंडेक्स फंड आपको पारदर्शिता, लिक्विडिटी और कम लागत पर रिटर्न देते हैं. वह बताते हैं कि इस तरह के फंड निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं, जिनकी प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) 47,000 करोड़ तक बढ़ रही है. पैसिव डेट फंड में निवेशक खर्च कर, पैसे की बचत करते हैं, जिससे उनके कुल रिटर्न में वृद्धि होती है.
इंडेक्स फंड्स, म्यूचुअल फंड की एक कैटेगरी है, जिसे पैसिव फंड्स भी कहते हैं. ये फंड शेयर बाजार के किसी इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. मसलन निफ्टी 50 या सेंसेक्स 30 में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वेटेज होता है स्कीम में उसी अनुपात में उनके शेयर खरीदे जाते हैं. ऐसे फंड का प्रदर्शन उस इंडेक्स जैसा ही होता है.
वहीं अगर बात डेट इंडेक्स फंड की हो तो यह एक ऐसा म्यूचुअल फंड है जो निश्चित आय उपकरणों में निवेश करता है, यह फंड्स उन निवेशकों के लिए आदर्श माने जाते हैं जो बाजार में जोखिम नहीं उठाना चाहते. यह कम स्थिर होते हैं. डेट फंड के तहत सरकारी बांड, कॉर्पोरेट बांड, और बैंक डिपॉजिट में निवेश किया जा सकता है. डेट फंड का पैसा फिक्स्ड रिटर्न देने वाले बांड में लगाया जाता है. इसलिए उनमें घाटे का खतरा कम रहता है.हालांकि इस तरह के फंड में निवेश से आप ज्यादा से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद भी नहीं करें. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले डेट फंड में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है.
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