म्यूचुअल फंड खोजने के लिए, निवेशकों के जोखिम प्रोफाइल, निवेश उद्देश्य और अवधि के आधार पर फंड का चयन किया जाना चाहिए.
Liquid Funds: मई में लिक्विड फंडे से पैसा निकाला गया है. अगर आपका निवेश भी इन फंड्स में है तो क्या बढ़ती निकासी से आपको चिंता होनी चाहिए?
Debt Funds: डेट फंड में कई तरह के विकल्प हैं जिनमें अलग-अलग क्रेडिट रिस्क और इंटरेस्ट रेट रिस्क शामिल हैं, निवेशक अपनी जरूरत के मुताबिक चुन सकते हैं
जुलाई 2020 से लेकर फरवरी 2021 तक 8 महीनों के दौरान Equity Mutual Funds से लगातार पैसों की निकासी जारी रही थी.
Indexation Benefit: डेट फंड में 3 साल से ज्यादा के निवेश को लॉन्ग टर्म माना जाता है और इसपर हुए मुनाफे पर 20% का टैक्स लगता है, इंडेक्सेशन के फायदे के साथ.
कूपन रेट से सिर्फ फेस वैल्यू पर ब्याज का पता चलता है, वहीं YTM से आपको मिलने वाले वास्तविक रिटर्न का पता चलता है.
डेट फंड्स में Liquid Funds सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. ये ट्रेजरी बिल्स, गर्वमेंट सिक्योरिटीज जैसे शॉर्ट-टर्म इंस्टूमेंट्स में निवेश करते हैं.
Mutual Fund: तीन साल पहले 10,000 रुपये की SIP शुरू की होती तो आपके पास अभी 4 लाख रुपये से ज्यादा रकम जमा हो चुकी होती. साथ ही इनमें FD जैसी ही सुरक्षा है.
अगर आप 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड तैयार करने में सफल हो जाते हैं तो आप रिटायरमेंट के बाद के बाद एक आसान जिंदगी जी सकते हैं.
Vegetarian: रसोई में किया गया यह बदलाव आपके पैसों की काफी बचत करेगा. मांसाहार से दूर रहकर अपने द्वारा बचाए गए धन का निवेश करना होगा.