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गुजरे 12 वर्षों में पहली दफा इनकम टैक्स कलेक्शन वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनियों की ओर मिलने वाले टैक्स से ज्यादा रहा है.
हाल में 5 राज्यों में हुए चुनावों को भले ही आयोग अपनी सफलता माने, लेकिन ये हकीकत है कि इन्हें कराने के चक्कर में भारी लापरवाही बरती गई.
कई मामलों में ऐसा पाया गया है कि बीमा कंपनियां कोविड आधारित पॉलिसीज की खरीदारी की राह में अड़ंगा लगा रही हैं.
COVID-19 Compensation: सरकारों की ओर से करोड़ों रुपये इन योजनाओं पर खर्च होगा इसलिए जरूरतमंदों को तत्काल ये राहत मुहैया कराई जानी जरूरी है.
1990 में सेंसेक्स 1,000 के लेवल पर था जो कि अब बढ़कर 50,000 पर पहुंच गया है और इस तरह से इसमें 14.9% की CAGR से तेजी आई है.
एक बड़ी चिंता वंचित तबके को लेकर पैदा हो रही है. इस वर्ग के लिए मौजूदा हालात में जीवनयापन के लिए हालात बेहद मुश्किल बने हुए हैं.
अमूल को देश के सबसे सफल और मजबूत कारोबारी मॉडल्स में गिना जाता है. अमूल की वजह से देश के 1.2 करोड़ डेयरी किसानों के घर चलते हैं.
CMIE का सर्वे दिखा रहा है कि देश में 97% लोगों की कमाई एक साल पहले के मुकाबले कम हो चुकी है, करीब 1 करोड़ लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं.
पिछले साल IMF ने अनुमान जताया था कि आर्थिक गतिविधियों पर लगी पाबंदियों के चलते देश के ऐसे 9 करोड़ वर्कर्स में से 4 करोड़ बेहद गरीबी में खिसक जाएंगे.
Covid Orphans: अक्सर सरकारी ऐलान फाइलों, प्रेस रिलीज, न्यूज और ट्वीट तक सीमित रह जाते हैं. ऐसे में असली चुनौती इन योजनाओं को लागू करने की है.