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वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते इस कंपनियों को भारी नुकसान हुआ.
भारत के इस्पात मील इस समय ऑस्ट्रेलिया समेत कई शीर्ष आपूर्तिकर्ता से आपूर्ति की कमी और कीमते बढ़ने की समस्या से जूझ रहे हैं
वित्तवर्ष 2025-26 से CNG-PNG में कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) के मिश्रण की शुरुआत होगी और शुरुआत में CNG-PNG में 1 फीसद CGB का मिश्रण किया जाएगा
देश में बिजली की अधिकतम मांग पहले ही 240 गीगावाट तक पहुंच गई है और वर्ष 2030 तक यह मांग दोगुनी होने की संभावना है.
एसएईडी के रूप में लगाया जाने वाला कर 9,800 रुपये प्रति टन से घटाकर 6,300 रुपये प्रति टन कर दिया गया
बैठक में कच्चे तेल की उपलब्धता, कीमत और स्थिरता को सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया गया
अप्रैल से सितंबर के दौरान ऑयल रिफाइनिंग कंपनियों ने करीब 63 अरब डॉलर का तेल इंपोर्ट किया
व्यस्त समय में अधिकतम बिजली की मांग अप्रैल-अक्टूबर 2023 में करीब 242 गीगावाट रही
विदेशी बाजार में ब्रेंट क्रूड का भाव 86 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंचा
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का घरेलू कोयला उत्पादन में 80 फीसद से अधिक योगदान है.