देश में खपत होने वाले नेचुरल गैस के लिए इंपोर्ट पर निर्भरता कम करने के मकसद से सरकार ने वाहनों में इस्तेमाल होने वाली CNG और घरों में पाइप से पहुंचने वाली PNG में कंप्रेस्ड बायोगैस के मिश्रण की घोषणा की है. इस घोषणा के तहत वित्तवर्ष 2025-26 से CNG-PNG में कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) के मिश्रण की शुरुआत होगी और शुरुआत में CNG-PNG में 1 फीसद CGB का मिश्रण किया जाएगा.
यह व्यवस्था ठीक उसी तरह चलेगी जिस तरह पेट्रोल में इथनॉल का मिश्रण किया जा रहा है. शुरुआत में FY-26 में CNG-PNG में 1 फीसद CBG का मिश्रण किया जाएगा, जिसे FY-29 तक बढ़ाकर 5 फीसद किया जाएगा. इसके लिए एक सेंट्रल रिपॉजिट्री बॉडी (CRB) का गठन किया जाएगा जो इस प्रोजेक्ट की मॉनिट्रिंग और इसे लागू किए जाने का कामकाज देखेगी.
कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) में नेचुरल गैस की तरह 90 फीसद मिथेन गैस होती है जो बहुत जवलनशील मानी जाती है. इस प्रोजेक्ट के जरिए सरकार देश में आयातित नेचुरल गैस पर निर्भरता कम करना चाहती है. देश में खपत होने वाली कुल नेचुरल गैस में करीब 50 फीसद गैस इंपोर्ट होती है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक सरकार के इस फैसले से ऑयल एंड गैस सेक्टर में 37500 करोड़ रुपए का निवेश आएगा और वित्तवर्ष 2028-29 तक 750 कमर्शियल बायोगैस प्रोजेक्ट लगेंगे.
देश में बायोगैस का उत्पादन मुख्य तौर पर गोबर, खेती से बचे अवशेष, गन्ना इस्तेमाल के बाद बचे अवशेष, शहरों के कचरे और सीवेज प्लांट से होता है. बायोगैस को सीधे भी ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है और इसी के प्यूरिफिकेशन के बाद कार्बनडाईऑक्साइट तथा हाइड्रोजन सल्फाइड को निकालकर कम्प्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन होता है.