कच्चे तेल के 2 सबसे बड़े निर्यातक देश सऊदी अरब और रूस ने माना है कि उनकी तरफ से कच्चे तेल के उत्पादन में की जा रही कटौती दिसंबर अंत तक जारी रहेगी. रविवार को दोनों देशों ने इस खबर की पुष्टि की है. दोनों देशों की पुष्टि के बाद आज ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. विदेशी बाजार में ब्रेंट क्रूड का भाव 86 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है. दोनों देशों ने कहा है कि उत्पादन में कटौती की समीक्षा अगले महीने की जाएगी. सऊदी अरब ने पुष्टि की है कि वह रोजाना 1 मिलियन बैरल की अतिरिक्त स्वैच्छिक कटौती जारी रखेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओपेक प्लस देशों के द्वारा क्रूड उत्पादन में यह अतिरिक्त कटौती ऑयल मार्केट में स्थिरता और संतुलन को बनाए रखने के उद्देश्य से एहतियाती प्रयासों के तौर पर की गई है. सऊदी अरब के बयान के बाद रूस ने ऐलान किया है कि वह दिसंबर अंत तक कच्चा तेल और पेट्रोलियम उत्पाद की सप्लाई में रोजाना 3,00,000 बैरल की अतिरिक्त स्वैच्छिक कटौती जारी रखेगा.
क्रूड की महंगाई का भारत पर पड़ेगा असर
मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि विदेशी बाजार में कच्चे तेल का भाव अगर 110 के ऊपर जाता है और उस स्तर के ऊपर बना रहता है, तो उसका असर भारत में आर्थिक स्थिरता पर पड़ेगा और भारतीय रिजर्व बैंक को ब्याज दरें बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ सकता है. मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि कच्चे तेल की महंगाई को लेकर भारत सबसे संवेदनशील एशियाई अर्थव्यवस्था है और कच्चे तेल की कीमतों में हर 10 डॉलर की बढ़ोतरी होने पर भारत में महंगाई दर में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ोतरी होती है.