भारत कोकिंग कोयले का आयात रूस से बढ़ाने वाला है. सरकारी सूत्रों और उद्योग के एक अधिकारी ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया कोकिंग कोयले के प्रमुख सप्लायर में एक है. भारत के इस्पात मील इस समय ऑस्ट्रेलिया समेत कई शीर्ष आपूर्तिकर्ता से आपूर्ति की कमी और कीमते बढ़ने की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में, इस समस्या से निजात पाने के लिए भारत रूस से कोकिंग कोयले का आयात बढ़ाएगा.
ऑस्ट्रेलिया से कोकिंग कोयले की कम आपूर्ति
कोकिंग कोयले का मुख्य रूप से इस्पात विनिर्माण में इस्तेमाल होता है. भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चे इस्पात का उत्पादक है. फिलहाल इसकी इस्पात मिलें ऑस्ट्रेलिया से कोकिंग कोयले की कम आपूर्ति का सामना कर रही है. पहले भारत के 7 करोड़ टन कोकिंग कोयले का आयात करता था जिसमें आधे से ज्यादा हिस्सेदारी ऑस्ट्रेलिया की थी. अधिकारी ने बताया कि पिछले महीने रखरखाव में कमी, क्वींसलैड से आपूर्ति कम होने और धीमे नेटवर्क के कारण ऑस्ट्रेलियाई कोकिंग कोयले की कीमत 50 फीसद बढ़कर 350 डॉलर मीट्रिक टन से भी अधिक हो गई. ऐसे में इस्पात मीलों के सामने इसकी कम आपूर्ति और बढ़ी कीमत की समस्या आ गई है.
कोकिंग कोयले के नए विकल्प की खोज में भारत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार के दो सरकारी सूत्रों ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को कोकिंग कोयले की स्थिर आपूर्ति का आश्वासन दिया था. भारत ऑस्ट्रेलिया के अलावा भी कोकिंग कोयले आयात के विकल्प देख रहा है और अपने कोकिंग कोयले आयात की लिस्ट को अपडेट करने की कोशिश में लगा है. पिछले साल भारत की इस्पात मिलों ने रूस से कोकिंग कोयले के आयात बढ़ाने की कोशिश की थी, मगर रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों के कारण भारतीय मीलों को वहां से कोकिंग कोयले की आपूर्ति प्रभावित हुई.