वार्ताओं में पाले खिंचते देख कर भारत ने सख्त अपना रुख अपना लिया है.
भारत ने कहा विवाद नहीं सुलझे तो डब्लूटीओ पर कौन भरोसा करेगा
निवेश को WTO के दायरे में लाने की तैयारियों पर भारतीय पक्ष के तेवर तीखे हैं
भारत का तर्क साफ है कि विकसित देश 11 साल से टल रहे कृषि अनाज भंडारण पर सहमत नहीं हो रहे हैं.
गोयल की अगुआई में WTO की बैठकों में भारत का रुख खासा आक्रामक रहता है.
WTO Ministerial Conference: सेवा कारोबार में नए नियमों का नया युग अब शुरु हो रहा है.
चीन के नेतृत्व वाला 130 देशों का समूह विकास के लिए निवेश सुविधा (आईएफडी) प्रस्ताव को आगे बढ़ा रहा है.
एमएएस के हिस्से के रूप में, यूरोपीय संघ कुछ वस्तुओं पर सीमा शुल्क रियायतों की मांग कर रहा था. ये भारत को स्वीकार्य नहीं था
कार्बन टैक्स (एक तरह का आयात शुल्क) एक जनवरी 2026 से लागू होगा
crypto currency, discussion may take place in WTO