कई देशों द्वारा क्रिप्टो करेंसी से दूरी बनाने के बावजूद दुनिया भर में यह वर्चुअल करेंसी काफी लोकप्रिय हो रही है. इसे देखते हुए वैश्विक स्तर पर इसके प्रति नरमी के संकेत देखने को मिल रहे हैं. विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों को ई-कॉमर्स क्षेत्र पर वार्ता में क्रिप्टो करेंसी के मुद्दे को शामिल करना चाहिए. शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने यह सुझाव दिया है. जीटीआरआई ने कहा कि अब क्रिप्टो बाजार वैश्विक स्तर पर निवेशकों का ध्यान खींच रहा है.दरअसल पिछले कुछ समय में क्रिप्टो ने वैश्विक बाजार में जबरदस्त लोकप्रिय हुआ है. हालांकि अभी तक कई देशों में इसे लेकर नियमित ढांचा तैयार नहीं हुआ है. कई देशों में इसकी वैधता भी नहीं है. बावजूद इसके क्रिप्टो में निवेशकों की रूचि बनी हुई है.
ई-कॉमर्स की दुनिया में लाएगा क्रांति
डब्ल्यूटीओ के ई-कॉमर्स ढांचे के तहत क्रिप्टो का वर्गीकरण अब भी अस्पष्ट है. इसमें कहा गया है कि बहस इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि क्या क्रिप्टो-मुद्रा का आदान-प्रदान ई-कॉमर्स के तहत ‘इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन’ के अंतर्गत आता है. जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि मौजूदा डब्ल्यूटीओ वार्ता के नतीजे वैश्विक डिजिटल व्यापार के लिए महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी को शामिल करने या बाहर करने और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे प्रभावशाली देशों का रुख भविष्य की अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीतियों को आकार देगा.
तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो
डब्ल्यूटीओ में इस मामले पर चर्चा न केवल डिजिटल व्यापार का परिदृश्य बदलेगी बल्कि इसमें आने वाली आधुनिक चुनौतियों के प्रति डब्ल्यूटीओ के दृष्टिकोण को भी फिर से परिभाषित करती है. वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो-मुद्रा अपनाने में तेजी देखी जा रही है. भारत ने भी क्रिप्टो कमाई पर बढ़ा हुआ पूंजीगत लाभ कर लगाया है, यानी भारत में भी इस उभरते हुए मुद्रा को निवेश के बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा रहा है.