रियल एस्टेट (real estate) मार्केट की कीमतों में 30% तक की कमी आई है - लोगों को रेडी-टू-मूव और बन रहे मकानों के मिल रहे हैं ऑप्शन.
कोविड ने हमारी खपत का तरीका और जीवन बदलकर रख दिया है. कई आइटम जिन्हें हम शायद ही तवज्जो देते थे, वे अब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं.
मार्केट में अभी भी ई व्हीकल्स को लेकर कुछ बाधाएं हैं जिन्हें समय रहते दूर करना बहुत जरूरी है. सबसे पहले इसकी कीमतों पर विचार करना चाहिए.
हालांकि पहले साल में यह रखरखाव फ्री होता है. जबकि सर्विसिंग की लागत आने वाले सालों में बढ़ जाती है.
यदि आईपीओ सफल होते हैं और स्टार्ट-अप सफल होते हैं, तो वे उद्यमियों की एक नई लहर को ट्रिगर कर सकते हैं, जैसा कि 1990 के दशक में सॉफ्टवेयर फर्मों ने किय
एक तथ्य यह भी है कि आने वाले समय में हमारे देश के लोगों की एक बड़ी संख्या अपनी कमाई को FD में जमा करना जारी रखेगें.
सरकार, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, पॉलिसीमेकर्स और नागरिकों को खुद आगे आकर इससे जुड़े हुए मिथकों और अफवाहों को खत्म करना होगा.
ये बड़ी बात है कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक बार फिर से गुरुवार को फाइनेंशियल इनक्लूजन की अहमियत पर जोर दिया है.
ये योजनाएं और वादे लोक-लुभावने लगते हैं और जनता इनसे खुश हो सकती है, लेकिन इनसे अर्थव्यस्था का एक बड़ा सवाल भी पैदा होता है.
home loan की दरें अब ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर चल रही हैं. देश के करीब 20 बैंक और संस्थान 7 फीसदी से भी कम रेट पर लोन ऑफर कर रहे हैं.