स्वास्थ्य बीमा के लिए दावा करते समय अपनी पॉलिसी की जानकारी का होना जरूरी
हेल्थ इंश्योरेंस में व्यापक कवरेज मिलता है, जबकि मेडिक्लेम का दायरा सीमित होता है
सर्वे में खुलासा, देश में 43 फीसद लोगों ने नहीं खरीदा है स्वाथ्य बीमा
इंश्योरर आज आपको हेल्थ इंश्योरेंस कम रेट पर दे रहे हैं लेकिन वो पिछले रिवाइज्ड रेट के तीन साल पूरे होने के बाद प्रीमियम बढ़ा सकते हैं.
भारत में चलने वाले हर वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर अनिवार्य है. बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के सड़क पर गाड़ी चलाना गैर-कानूनी है.
अक्सर देखा जाता है कि लोग अस्पताल से छुट्टी मिलने के तुरंत बाद डॉक्यूमेंट जमा नहीं करते हैं. यह गलती महंगी पड़ सकती है.
जब आप अस्पताल में एडमिट होने का प्लान बना रहे हैं तो एडवांस क्लेम की सूचना देनी होगी. इमरजेंसी में टीपीए या बीमा कंपनी को तुरंत सूचना दी जानी होगी
पॉलिसी खरीदने के बाद से लेकर जब तक आप बीमा कंपनी से कोई लाभ का क्लेम नहीं कर सकते, उस अवधि को एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का वेटिंग पीरियड कहा जाता है.
कई बार व्यक्ति के अचानक बीमार पड़ने पर उसकी बचत का काफी हिस्सा खर्च हो जाता है इसलिए हर व्यक्ति को मेडिक्लेम लेना चाहिए.
किसी गंभीर बीमारी की स्थिति में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. ऐसे में आपके पास एक हेल्थ इंश्योरेंस होना चाहिए. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी किसी भी मेडिकल इमरजेंसी को कवर करती है और इलाज के भारी-भरकम खर्च से राहत दिलाने में मदद करती है.कई बीमा देने वाले नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस दावा सुविधा देते हैं. […]