स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस नए निपटान पोर्टल का मकसद क्लेम लेने में होने वाली देरी को कम करना है
इलाज के खर्च को कवर करने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है. हालांकि, कई बार बीमा कंपनियां किसी वजह से क्लेम रिजेक्ट कर देती हैं. क्लेम रिजेक्ट होने पर सबसे पहले कहां करें शिकायत? बीमा कंपनी से नहीं मिलेगा संतोषजनक जवाब तो किसका दरवाजा खटखटाएं? जानें.
लोकल सर्कल्स के एक सर्वे में पता चला कि पिछले तीन वर्षों में देश में कई स्वास्थ्य बीमा दावों को या तो रिजेक्ट कर दिया गया है या आंशिक रूप से स्वीकृत किया गया है
अभी तक महज 65 साल की उम्र तक के लोगों को ही हेल्थ बीमा खरीदने की छूट थी
स्वास्थ्य बीमा के लिए दावा करते समय अपनी पॉलिसी की जानकारी का होना जरूरी
हेल्थ इंश्योरेंस में व्यापक कवरेज मिलता है, जबकि मेडिक्लेम का दायरा सीमित होता है
सर्वे में खुलासा, देश में 43 फीसद लोगों ने नहीं खरीदा है स्वाथ्य बीमा
इंश्योरर आज आपको हेल्थ इंश्योरेंस कम रेट पर दे रहे हैं लेकिन वो पिछले रिवाइज्ड रेट के तीन साल पूरे होने के बाद प्रीमियम बढ़ा सकते हैं.
भारत में चलने वाले हर वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर अनिवार्य है. बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के सड़क पर गाड़ी चलाना गैर-कानूनी है.
अक्सर देखा जाता है कि लोग अस्पताल से छुट्टी मिलने के तुरंत बाद डॉक्यूमेंट जमा नहीं करते हैं. यह गलती महंगी पड़ सकती है.