कोविड काल के बाद से स्वास्थ्य को लेकर लोग काफी सजग हो गए है. इसके बावजूद हेल्थ इंश्योरेंस लेने में भारतीय कतरा रहे हैं. इस बात का खुलासा पॉलिसीबाजार की ओर से कराए गए सर्वे ‘भारत बीमा कैसे खरीदता है’ में हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार करीब 43 प्रतिशत लोगों ने स्वास्थ बीमा नहीं ले रखा है. ये सर्वेक्षण फरवरी से मार्च 2023 के बीच देश के 27 शहरों में कराया गया.
बीमा न खरीदने की वजह
सर्वे के मुताबिक महंगे प्रीमियम और पॉलिसी की जटिलता के चलते ज्यादातर भारतीय स्वास्थ्य बीमा नहीं खरीद रहे हैं. इसके अलावा बीमा की तत्कालिक जरूरत न होने की वजह से भी कई लोग इसे लेने से बच रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार करीब 43 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्होंने महंगे प्रीमियम के चलते स्वास्थ्य बीमा नहीं लिया है. सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 19 फीसद लोगों का कहना है कि उन्हें यह समझ नहीं आता है कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी कैसे काम करती है, वहीं 33 फीसद उत्तरदाताओं को स्वास्थ्य बीमा खरीदने में कोई रुचि नहीं दिखाई दी. वहीं करीब 47% लोगों ने स्वास्थ्य बीमा महंगे प्रीमियम की वजह से छोड़ दिया. उनकी पॉलिसी लैप्स हो गई.
महामारी के बाद से महंगा हुआ स्वास्थ्य बीमा
रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम कोविड (COVID) महामारी के बाद ज्यादा महंगा हो गया है. साल 2021 में, एशियाई देशों के बीच भारत में चिकित्सा मुद्रास्फीति सबसे अधिक 14 प्रतिशत दर्ज की गई. हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लगातार बढ़ते रेट के चलते लोग बीमा लेने से बच रहे हैं. इस सर्वे में 3327 लोगों को शामिल किया गया.
पिछले 5 वर्षों में सबसे ज्यादा हुई खरीदारी
रिपोर्ट में पाया गया है कि सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने साल 2020 में सबसे ज्यादा स्वास्थ्य बीमा खरीदा. इनमें से 22 फीसद ने 2020 में अपना हेल्थ बीमा खरीदा. वहीं महज 5 फीसद ने साल 2022 में यह कव लिया. सर्वे के मुताबिक करीब 93 फीसद लोग स्वास्थ्य बीमा के बारे में जानते हैं, लेकिन उनमें से केवल 43% के पास ही बीमा है.
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