7 सितंबर को सेबी का सर्कुलर जारी होने से पहले न तो FPI और न ही भारत में उनके कस्टोडियन से कोई सलाह ली गई थी.
यह लिस्टेड कंपनियों के टेकओवर को अधिक जटिल बनाता है और निवेशकों को नियंत्रित हिस्सेदारी हासिल करने से भी रोकता है.
FPI ने सितंबर में अब तक इक्विटीज में 13,536 करोड़ रुपये और डेट सेगमेंट में 8,339 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
सेबी ने दो FPI हेशिका ग्रोथ फंड (Heshika Growth Fund) और प्लूटस टेरा इंडिया फंड (Plutus Terra) पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
ओवरसीज इन्वेस्टर्स ने इक्विटीज में 11,287 करोड़ रुपये और डेट सेगमेंट में 5,018 करोड़ रुपये का नेट इन्वेस्टमेंट किया है. ये आंकड़े 1-17 सितंबर के हैं.
ANMI ने सेबी के चेयरमैन को लिखे पत्र में कहा कि इस कदम से ब्रोकर्स के लिए वर्किंग कैपिटल की आवश्यकता बढ़ेगी और सिस्टम पर काम का बोझ बढ़ेगा.
Brokers: ANMI ने पत्र में कहा कि इस कदम से ब्रोकर्स के लिए वर्किंग कैपिटल की आवश्यकता बढ़ेगी और सिस्टम पर काम का बोझ बढ़ेगा.
SEBI: प्रबंधकों को यह सुनिश्चित करना होगा सात सितंबर, 2021 तक उनसे जुड़े व्यक्ति जो पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के लिए वितरक के रूप में काम कर रहे हैं.
सेबी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि एफपीआई के लिए यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि भारत में उनके सभी मौजूदा डेरिवेटिव ट्रेड प्रीफंडेड हैं.
कोटक मल्टी-कैप फंड NFO 8 सितंबर 2021 से लॉन्च हो चुका है और इसकी लास्ट डेट 22 सितंबर, 2021 रखी गई है.