विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार और डेट मार्केट में भारी बिकवाली की है.
भारत और मॉरिशस के बीच जो कर-संधि (Tax Treaty) थी उसमें बदलाव किया गया है और अब मॉरिशस के रास्ते आने वाले FPIs की सख्त जांच की जाएगी.
आम चुनाव के बाद या अमेरिकी फेडरल रिजर्व से ब्याज दर में कटौती के शुरुआती संकेत मिलने पर एफपीआई वापस लौट सकते हैं.
नियामक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को एडिशनल डिस्क्लोजर में छूट देने समेत कई अन्य जरूरी प्रस्तावों पर मुहर लगाई
FPI ने फरवरी में भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 1,539 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
सेबी ने बिना प्रवर्तक समूह के इकाइयों में केंद्रित हिस्सेदारी रखने वाले कोषों को भी छूट का प्रस्ताव किया है
यह ठग शेयर बाजार में ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स, सेमिनार और मेंटरशिप कार्यक्रमों के जरिए लोगों को फंसाते हैं.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.
इससे पहले दिसंबर में FPI ने बॉन्ड में 18,302 करोड़ रुपये, नवंबर में 14,860 करोड़ और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये डाले थे.
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक (25 जनवरी तक) भारतीय शेयरों से शुद्ध रूप से 24,734 करोड़ रुपये निकाले हैं.