क्या आप भी FPI से जुड़े टेलीग्राम चैनल, व्हाट्सऐप ग्रुप का हिस्सा हैं. अगर ऐसा है तो संभल जाइये. ऐसे कई ग्रुप हैं जो FPI से जुड़े होने का दावा करते हैं. शेयर बाजार से मोटी कमाई का लालच देकर यह आपको अलग-अलग ऐप डाउनलोड करवाते हैं और झांसे में फंसा लेते हैं. मार्केट रेगुलेटर SEBI ने इसी तरह की फेक FPI लिंक्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स और ऐप्स को लेकर निवेशकों को चेतावनी जारी की है.
दरअसल SEBI को धोखाधड़ी वाले ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के बारे में शिकायतें मिल रही हैं. यह SEBI- रजिस्टर्ड विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के साथ जुड़े होने का झूठा दावा करते हैं.
SEBI का कहना है कि रेगुलेटर को धोखाधड़ी वाले ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के बारे में कई शिकायतें मिल रही हैं जो SEBI- रजिस्टर्ड विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के साथ जुड़े होने का झूठा दावा करते हैं, और FPIs या विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) सब-अकाउंट्स, या विशेषाधिकार वाले संस्थागत खातों के जरिए ट्रेडिंग के मौके देने का ऑफर करते हैं.
यह ठग शेयर बाजार में ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स, सेमिनार और मेंटरशिप कार्यक्रमों के जरिए लोगों को फंसाते हैं. व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स से भी लोगों को अपने साथ जोड़ते हैं. कई बार यह लाइव ब्रॉडकास्ट के जरिए भी लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं.
SEBI के मुताबिक ये खुद को SEBI रजिस्टर्ड FPIs से जुड़े होने का दावा करते हैं और विक्टिम से एप्लीकेशन डाउनलोड कराते हैं. यह दावा करते हैं कि इन ऐप के जरिए वो शेयर खरीद सकेंगे, IPO की मेंबरशिप ले सकेंगे और “संस्थागत खातों का फायदा” उठा सकेंगे. यह सब बिना किसी आधिकारिक ट्रेडिंग या डीमैट खाते के होता है. ठगी के लिए यह फर्जी पहचान और मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करते हैं.
SEBI ने कहा है कि भारत में रहने वाले भारतीयों के लिए FPIs निवेश रूट का उपयोग नहीं कर सकते हैं. हालांकि SEBI (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) विनियम, 2019 में कुछ अपवादों का जिक्र है. SEBI इस तरह के सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप, टेलीग्राम चैनल या ऐप से दूर रहने की सलाह दी है.