sbi द्वारा संचालित SBI Mutual Fund की कुछ स्कीम सबसे पुरानी म्यूचुअल फंड योजनाओं में शामिल हैं. जिन्होने निवेशको को अच्छा रिटर्न दिया है.
म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के निवेश निवेशकों को काफी लुभा रहे हैं. इस तरह के निवेश में निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहता है.
क्या आपके पोर्टफोलियो में नये फंड के लिए जगह है? अगर आपके पोर्टफोलियो में उस तरह की स्कीम मौजूद है तो फिर नई स्कीम को शामिल करने की जरूरत नहीं.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी एमएफ की फ्लेक्सी-कैप श्रेणी में निवेश का प्रवाह जबर्दस्त रहा है.
Stocks Vs Mutual Funds: दोनों में से एक चुनने के बजाय अगर निवेशक दोनों ऐसेट में मिला जुलाकर निवेश करें तो बेहतर एसेट एलोकशन और रिटर्न मिल सकता है.
जब हम एक म्यूचुअल फंड में निवेश कर चुके होते हैं, उसके बाद कोई दूसरा फंड अच्छा लगने लगता है. ऐसी परिस्थितियों में आप स्विच करने पर विचार कर सकते हैं.
यदि आप म्यूचुअल फंड पर डिजिटल लोन लेते हैं तो आप ऑनलाइन किसी भी बैंक के पास अपने MF को गिरवी रख कर तुरंत ओवरड्राफ्ट प्राप्त कर सकते हैं.
ओपेन एंडेड फंड या स्कीम का मतलब है कभी भी जरूरत के हिसाब से यूनिट को खरीद या बेच सकते है. इस तरह की योजनाओं की निश्चित अवधि नहीं होती है.
इक्विटी फंड म्यूच्यूअल फंड की वो स्कीम है, जो खासकर शेयर्स/कंपनी के स्टॉक्स में निवेश करती है. इन्हें Growth Fund (वृद्धि फंड) भी कहते हैं.
सेबी के मुताबिक मल्टी कैप का मतलब है पूरी रकम को लार्ज, मिड और स्मॉल कैप में समान रूप से निवेश किया जाए.