Mutual Fund: म्यूचुअल फंड कैटेगरी की विभिन्न श्रेणियां हैं जैसे कि इक्विटी फंड, डेट फंड, हाइब्रिड फंड, समाधान-उन्मुख फंड आदि.
ITI Pharma and Healthcare Fund में कम से कम 5000 रुपये निवेश करना जरूरी है. उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी निवेश किया जा सकता है.
Passive Fund: बढ़िया रिटर्न पाने को नए निवेशक बाजार में आ रहें हैं. पैसिव फंड निवेश की दुनिया में शुरुआत करने वालों के लिए बढ़िया विकल्प है.
डायनेमिक आवंटन फंड्स का इस्तेमाल बेहतर संतुलन के लिए किया जाता है. यह नए निवेशकों के लिए बढ़िया विकल्प साबित हो सकते हैं
वित्तीय सलाहकार कंपनी फिनडोक समूह के सर्वे के मुताबिक, करीब 72 फीसदी लोगों ने महामारी की पहली लहर के दौरान निवेश के लिए म्यूचुअल फंड का विकल्प चुना.
ऐसे निवेशक जो शेयर बाजार जैसा रिटर्न तो चाहते हैं, लेकिन सीधे निवेश से घबराते हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, औसतन हर महीने 1 लाख SIP अकाउंट खोले जा रहे हैं. जबकि एक साल सिर्फ पहले दस हजार SIP अकाउंट जोड़े जा रहे थे.
सेक्टर स्पेसिफिक फंड्स के पैसे को किसी खास सेक्टर जैसे कि इंफ्रास्ट्रक्चर, बैंकिंग, माइनिंग इत्यादि या स्पेसिफिक सेगमेंट में निवेश किया जाता है.
भारतीय बाजार Cyclical Upturn में है और ये बढ़त 3 से 4 साल तक रहती है. लेकिन रिटेल निवेशकों को सावधानी से निवेश करना चाहिए.
प्रति SIP अधिकतम 5 हजार रुपए का निवेश कर सकते हैं. नेट बैंकिंग या डेबिट कार्ड द्वारा ऐसा करने की अधिकतम सीमा एक लाख रुपए प्रति SIP है.