Mutual Funds को हम 3 प्रकार से बाँट सकते है debt, hybrid और तीसरा Equity. इक्विटी फंड म्यूच्यूअल फंड की वो स्कीम है, जो खासकर शेयर्स/कंपनी के स्टॉक्स में निवेश करती है. इन्हें Growth Fund (वृद्धि फंड) भी कहते हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड का फंड मैनेजर यह तय करता है कि निवेशकों का पैसा किन-किन कंपनियों के शेयरों में लगाना है. तो आइये जानते हैं की आखिर ये इक्विटी फंड के बारे में.
मार्केट कैप के हिसाब से इक्विटी Mutual Fund को 5 कैटेगरी में बांटा जा सकता है:
लार्जकैप इक्विटी फंड
लार्ज कैप इक्विटी फंड्स को ज्यादातर बड़ी कंपनियों में ही निवेश किया जाता हैं. ये कंपनियाँ अपने क्षेत्र में अच्छी तरह से स्थापित होती है. इसी वजह से लार्ज कैप वाली कंपनियों को निवेश के लिए सुरक्षित माना जाता है. ये फंड अपने कॉर्पस का 80 फीसदी हिस्सा लार्जकैप कंपनियों में निवेश करता है,
मल्टीकैप इक्विटी फंड
जैसा कि नाम से ही साफ हो रहा है, मल्टीकैप इक्विटी फंड वो स्कीम है जो सभी तरह के सेक्टर में निवेश करती है. इसमें लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और तमाम तरह के सेक्टर शामिल होते हैं. इससे फंड मैनेजर वास्तव में निवेशकों के लिए ज्यादा रिटर्न कमाने में सफल होता है.
मिड कैप इक्विटी फंड
शेयर बाजार में लिस्टेड उन कंपनियों में यह फंड निवेश करता है जिसमें वास्तव में लार्ज कैप बनने की संभावनाएं हैं. इसका मतलब यह है कि माध्यम आकार की वे कंपनियां जिनका बैलेंस शीट ठीक है, मुनाफा बढ़िया है और जिनके पास काफी ऑर्डर हैं. ये फंड्स अपनी एसेट यानि संपत्ति का 65 फीसदी मिडकैप स्टॉक्स में निवेश करते हैं.
स्मॉल कैप इक्विटी फंड
इस में सिर्फ छोटी कम्पनियों के शेयर/स्टॉक्स में ही ज्यादातर पैसा निवेश किया जाता हैं जो की काफी ज्यादा जोखिम भरे होते है लेकिन स्माल कैप इक्विटी फण्ड से मिलने वाला मुनाफा भी लार्ज या मिड कैप स्कीम की तुलना में कई गुना तक ज्यादा हो सकता है. ये फंड अपने नाम की तरह अपनी संपत्ति या एसेट का 65 फीसदी हिस्सा स्मॉलकैप कंपनियों में निवेश करती हैं. माइक्रो कैप इक्विटी फंड
बाजार पूंजीकरण के हिसाब से बहुत ही छोटी कंपनियों में निवेश करने वाला MF माइक्रो कैप इक्विटी फंड कहा जाता है. इन MF स्कीम के फंड मैनेजर अपने फंड का ज्यादातर हिस्सा उभरती हुई बहुत छोटी कंपनियों में लगाते हैं.
sebi के अनुसार ये भी इक्विटी फंड है
डिविडेंड यील्ड फंड
इस तरह के फंड्स को अपने एसेट का 65 फीसदी डिविडेंड यील्ड स्टॉक में निवेश करना जरूरी होता है.
वैल्यू इक्विटी फंड
ये फंड स्कीम अपने एसेट का 65 फीसदी हिस्सा ऐसे स्टॉक में निवेश करते हैं जो वैल्यू निवेश के सिद्धांतों पर आधारित होते हैं.
कॉन्ट्रा इक्विटी फंड
इस तरह के फंड्स विपरीत निवेश की रणनीति का पालन करते हैं और अपने एसेट का 65 फीसदी हिस्सा उसी रणनीति के आधार पर निवेश करते हैं.
फोक्स्ड इक्विटी फंड
ये फंड ज्यादा से ज्यादा 30 स्टॉक के पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं. ज्यादातर फोक्स्ड फंड मल्टीकैप रणनीति का पालन करते हैं.
सेक्टोरल और थीमैटिक फंड
इस तरह के फंड अपने एसेट या संपत्ति का 80 फीसदी हिस्सा किसी विशेष सेक्टर और थीम में निवेश करते हैं.
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