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RBI ने हेल्थकेयर सेक्टर को 50,000 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी मुहैया कराई है. निजी सेक्टर को इस पैसे से कोविड के खिलाफ जंग तेज करनी चाहिए.
सेबी के कदम से म्यूचुअल फंड स्कीमों में पैसा लगाने वाले इनवेस्टर्स का इन स्कीमों में भरोसा बढ़ेगा. इससे फंड हाउसेज की जवाबदेही भी बढ़ेगी.
कंपनियों के लिए ये एक अहम मौका है कि वे अपने कर्मचारियों की नौकरियों और तनख्वाह की सुरक्षा करें और उनके साथ एक लंबे वक्त का रिश्ता कायम करें.
आर्थिक नजरिए से भले उचित न लगे, लेकिन मौजूदा हालात में गरीबों को मदद जरूरी है. TMC को बंगाल में जीत मिलने के बाद इसी रास्ते पर बढ़ना होगा.
सेबी के Mutual Fund इंडस्ट्री के एंप्लॉयीज की 20% सैलरी उनकी स्कीमों से लिंक करने का इनवेस्टर्स और इंडस्ट्री अच्छा असर पड़ने की उम्मीद कम है.
insurance: वित्तीय लक्ष्य पूरे करने की दिशा में बीमा एक अहम भूमिका निभाते हैं. हम बता रहे हैं कि आपके लिए 3 तरह के इंश्योरेंस क्यों जरूरी हैं.
Vaccination: राज्यों ने आपूर्ति में कमी की गुहार लगाई है. निजी अस्पतालों ने यह भी कहा कि उनके पास अधिक आबादी वाले हिस्से के लिए टीके नहीं हैं
Crorepati: कौन करोड़पति नहीं बनना चाहता है, लेकिन इसके लिए सिस्टम से चलने की आवश्यता है. अपने पैसों को निवेश करके ही करोड़पति बना जा सकता है
Cryptocurrency: विज्ञापन में स्पष्ट तौर पर जानकारी दी जाए और लोगों को आगाह किया जाए कि अभी इस तरह के निवेश विकल्प के लिए कोई कानून है ही नहीं. सवाल उठता है कि ऐसा करने को कहेगा कौन?
कोविड ने भारत के सामने एक मौका उपलब्ध कराया है. भारत को अपने सभी संसाधन इस वक्त वैक्सीन उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर लगा देने चाहिए.