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हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम कॉस्ट कम करने के लिए आपको कम उच्च स्वैच्छिक कटौती का विकल्प चुनना चाहिए. नो-क्लेम बोनस का फायदा उठाना नहीं भूलना चाहिए.
धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए बीमा कंपनियों ने अपने ग्राहकों को आगाह किया है. कई बार पुलिस भी ऐसे स्कैमर्स के खिलाफ अलर्ट करती रहती है.
Life Insurance: इंश्योरेंस कंपनियां कई कारणों से क्लेम को रिजेक्ट कर सकती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कारण कौन से होते हैं?
LIC ने भारतीय डाक विभाग के साथ मिलकर एक ऐसी सर्विस शुरू की है, जिसके तहत ग्राहकों को अब तेजी से उनकी पॉलिसी के डॉक्यूमेंट पहुंचा दिए जाएंगे.
बजाज आलियांस, ओरिएंटल इंश्योरेंस, HDFC अर्गो जैसी बड़ी बीमा कंपनियां और पॉलिसीबाजार, डिजिट, एको, टॉफी जैसे स्टार्टअप्स डेंगू के बीमा प्लान बेचते हैं.
IRDAI ने साफ तौर से कहा कि बाद में किसी भी कस्टमर डिस्क्रिपेंसी (विसंगति) के मामले में इंश्योरर पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे.
अगर आपके पास एक से ज्यादा लाइफ इंश्योरेंस है तो आप बीमा दावा खारिज होने की चिंता कुछ कम हो जाती है.
Motor Insurance Premium: जिन वाहनों की इंजन क्षमता अधिक होती है, उनपर कम इंजन क्षमता वाले वाहन की तुलना में अधिक प्रीमियम देना होता है
चिकित्सा बीमा एक बुनियादी आवश्यकता बन गया है और इसलिए सरकार दर को कम करने पर विचार कर सकती है.
आपके टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित करते हैं. इसलिए कोई भी पॉलिसी को सिलेक्ट करने से पहले इन फैक्टर को समझना जरूरी है.